वैज्ञानिकों ने प्रमाणित कर दिखाया है कि सेब के लाल छिलके में एंटी ऑक्सीडेंट्स की मात्रा अधिक होती है। ‘एंटी ऑक्सीडेंट्स’ ऐसे रसायन हैं जो स्वास्थ्य को अच्छा एवं रोगमुक्त बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। ‘एग्रीकल्चर एंड एग्रो फूड संस्थान कनाडा’ के वैज्ञानिकों ने सेब की आठ प्रजातियों पर शोध कर प्रमाणित किया है कि लाल सेब तुलनात्मक अधिक स्वास्थ्यकारी होता है और छिलके में भीतरी हिस्से की अपेक्षाकृत ‘एंटी ऑक्सीडेंट्स’ की मात्रा कहीं-कहीं छह गुणा तक भी अधिक पाई गयी है इसलिए सेब खाते समय जहां तक हो सके, छिलके सहित ही खा लेना अधिक लाभकर एवं उपयुक्त रहेगा। कैनेडियन अध्ययन दल का कहना है कि ऐसी तकनीक का विकसित किया जाना संभव है जिससे सेब के उपयोग रहित भाग से ‘एंटी ऑक्सीडेंट्स’ की मात्रा को संरक्षित किया जा सके।
फ्री रेडिकल्स से सुरक्षा प्रदान करता है व्यायाम
यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के विशेषज्ञों द्वारा किये गये एक नवीनतम शोध के अनुसार नियमित व्यायाम से फ्री रेडिकल्स से सुरक्षा मिलती है। फ्री रेडिकल्स बहुत ही अधिक खतरनाक तत्व होते हैं जो ऑक्सीडेशन का कारण बनते हैं, जिससे शरीर के सेल नष्ट होते हैं और इस प्रक्रिया से बहुत से रोग जैसे हृदय रोग व अन्य स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस शोध के शोधकर्ता केविन विन्सेट ने अपने शोध में पाया कि जिन व्यक्तियों ने नियमित व्यायाम किया, उनमें शरीर के कम सेल नष्ट हुए व्यायाम न करने वालों की तुलना में।
पर्यावरण स्वस्थ तो मानव भी स्वस्थ
हम अपने स्वास्थ्य की ओर तो सचेत हो गये हैं पर अभी तक अपने आसपास के वातावरण को स्वस्थ रखने के प्रति सचेत नहीं हुए हैं जबकि हमारे स्वास्थ्य को हमारा वातावरण बहुत ही प्रभावित करता है। मलेरिया, हैजा, टाइफाइड जैसी बीमारियां गलत व अस्वस्थ वातावरण का परिणाम हैं। हम हाथ धोने, सब्जियों को साफ रखने की ओर जितना ध्यान देते हैं उतना ही जरूरी है नालियों को साफ रखना, कूड़ा सही स्थान पर फेंकना आदि। अगर हमारा पर्यावरण सुरक्षित नहीं तो हमारा स्वास्थ्य भी सुरक्षित नहीं है। आज हमारे खाद्य पदार्थों में कीटनाशक हैं, पानी में प्रदूषणकारी पदार्थ, वातावरण में विषैला धुआं और दूध में भी ऐसे हानिकारक हारमोन्स हैं जो हम बच्चों को देते हैं। इसलिए पर्यावरण का सुरक्षित होना अधिक जरूरी है।