
आंवले का प्रयोग भोजन में करने से जहां हमारा स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है वहीं यह हमें अनेक बीमारियों से बचाता है क्योंकि आंवले में विटामिन ‘सी’ की मात्रा अधिक होती है। कुछ व्यक्ति तो आंवला कच्चा ही खा लेते हैं। कच्चे आंवले की चटनी काफी स्वादिष्ट बनती है। औषधि के रूप में भी इसका प्रयोग किया जाता है। बालों के लिए आंवला एक वरदान है। आंवले के नियमित प्रयोग से बाल काले, घने व लम्बे होते हैं। आंवले का प्रयोग हम निम्न प्रकार से कर सकते हैं।
आंवले का प्रयोग एक औषधि के रूप में :-
– दिमाग की शक्ति बढ़ाने के लिए आंवले को कद्दूकस कर शहद में मिलाकर लें।
– चक्कर आने पर आंवला पाउडर, धनिया पाउडर, शहद मिलाकर लें। इससे गर्मी में सिर दर्द से भी छुटकारा मिलेगा।
– आंवला पाउडर, मुलहठी पाउडर खाली पेट लें। खांसी बलगम में लाभ मिलेगा।
– आंवला पाउडर, मिश्री पाउडर के साथ खाली पेट लेने से दिल से सम्बन्धित बीमारियों में लाभ मिलता है।
– यकृत की बीमारी में आंवले का रस पानी के साथ दिन में तीन बार लें। लाभ मिलेगा।
– दिमाग की शक्ति बढ़ाने के लिए आंवले का मुरब्बा प्रतिदिन खाने से लाभ मिलता है।
– आंवले की चटनी बनाकर खाने से विभिन्न रोग अपने आप दूर होंगे।
बालों के लिए आंवला
– आंवले का प्रयोग प्रतिदिन भोजन में करें चाहे चटनी के रूप में या मुरब्बे के रूप में। कच्चा आंवला भी खाया जा सकता है।
– आंवले के सेवन से बाल झड़ने कम होंगे, लम्बे, घने व मजबूत बनेंगे। आंवले के सेवन से बालों को समय से पहले सफेद होने से बचाया जा सकता है। अगर आप के बाल सफेद हो गये हैं तो कच्चे आंवले का पेस्ट बालों की जड़ों में लगायें।
– बाल धोने के लिए लोहे की कड़ाही में आंवला पाउडर, रीठा पाउडर, शिकाकाई पाउडर तीनों भिगो दें। सुबह उस पानी से बाल धोयें। बालों का झड़ना कम होगा और बाल लम्बे भी होंगे।
– सफेद बालों को काला करने के लिए रीठा पाउडर, आंवला पाउडर शिकाकाई पाउडर रात को लोहे की कड़ाही में भिगो दें। सुबह चाय के पानी में मेंहदी मिला कर उसे कड़ाही वाले मिश्रण में मिला लें। ब्रश लेकर इस पेस्ट को बालों में लगा दें। चार पांच घण्टे तक बालों में लगा रहने दें। सूखने पर बाल धो लें। सप्ताह में दो बार बालों में उपरोक्त मिश्रण को लगायें।
बाल धोने के बाद आंवले का तेल बालों में लगायें। बालों को काला करने के लिए भी यह उपयोगी है।
– अगर हम थोड़ा सा ध्यान देकर आंवले का प्रतिदिन प्रयोग करें तो यह सोने पे सुहागे का कार्य करता है। गर्मी के मौसम में इसका नियमित सेवन ठण्डक प्रदान करता है।