कोलकाता : सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा का विशेष विधान है। हिंदू धर्म में सावन सोमवार व्रत का विशेष महत्व बताया जाता है। कहा जाता है कि जो भक्त सावन में पड़ने वाले सभी सोमवार को महादेव की पूजा श्रद्धा भाव से करते हैं, उन्हें सोलह सोमवार व्रत के समान पुण्य प्राप्त होते हैं। आज यानी 9 अगस्त को सावन का तीसरा सोमवार है। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं, घर और मंदिर में जाकर भोलेनाथ की पूजा करते हैं। कई श्रद्धालु रुद्राभिषेक करते हैं और ब्राह्मणों को भोजन करवाते हैं। आइए जानते हैं सावन के सोमवार को कैसे पूजा करनी चाहिए –
क्या है पूजा विधि : मान्यताओं अनुसार सावन सोमवार व्रत रखने से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। साथ ही, पूरे विधि-विधान से पूजा करने पर भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। सुबह ब्रह्मकाल में उठकर दैनिक गतिविधियों से निवृत्त हो जाएं। नहा-धोकर साफ वस्त्र धारण करें और पूजन स्थल पर आएं।
गंगाजल से पूरे जगह को साफ करें और वेदी की स्थापना करें, इसके बाद भक्तों को व्रत का संकल्प लेना चाहिए। दिन भर भोलेनाथ का ध्यान करें और शाम होते ही हाथ-पैर धोकर शिव जी की पूजा करें। दीये में तिल का तेल डालकर जलाएं और भगवान को फूल चढ़ाएं। शिव चालीसा और शनि चालीसा का पाठ करें, महादेव के मंत्रों का जाप करें।
संभव हो तो मंदिर या घर में शिवलिंग का जलाभिषेक करें और सुपारी, पंच अमृत, नारियल एवं बेलपत्र अर्पित करें। सावन व्रत कथा पढ़ें अथवा सुनें और फिर शिव जी की आरती गाएं।
सावन सोमवार व्रत का महत्व: धार्मिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए मां पार्वती ने सावन माह में कठोर व्रत रखे और तपस्या की। इस वजह से ऐसा माना जाता है ये महीना भगवान को अति प्रिय है। कहते हैं कि जो भक्त इस महीने में रुद्राभिषेक करते हैं, उनकी सभी तकलीफें और परेशानियों को महादेव खत्म कर देते हैं।
ऐसी मान्यता है कि जिन कन्याओं के जीवन में विवाह संबंधी अड़चनें आ रही हों उन्हें सावन के सोमवार का व्रत जरूर रखना चाहिए। साथ ही, कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से सिर्फ शिव जी का आशीर्वाद ही प्राप्त नहीं होता है, बल्कि शनि महाराज भी प्रसन्न होते हैं।