उच्च रक्तचाप हृदय रोगों और पक्षाघात जैसे गंभीर रोगों का कारण तो बनता ही है पर अब एक नवीनतम शोध से सामने आया है कि उच्च रक्तचाप स्मरणशक्ति को भी कम करता है। इससे पूर्व भी कई शोधों से पता चला है कि उच्च रक्तचाप मस्तिष्क के कई भागों पर बुरा प्रभाव डालता है पर इस शोध के शोधकर्ता द यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सवर्ग के जे रिचर्ड जेनिंग के अनुसार उच्च रक्तचाप मस्तिष्क को इससे भी कहीं अधिक हानि पहुंचा सकता है। जेनिंग और उनके साथियों ने उनसठ ऐसे व्यक्तियों जिनका रक्तचाप समान्य था व सैतीस ऐसे व्यक्ति जिनका रक्तचाप अधिक था, का अध्ययन किया। उन्होंने ब्रेन स्कैन के द्वारा ब्रेन की जांच की व स्मरण शक्ति टेस्ट करने के लिये भी एक अध्ययन किया। जिन व्यक्तियों का रक्तचाप अधिक था, उन्होंने बहुत खराब प्रदर्शन किया। विशेषज्ञों के अनुसार उनके खराब परफार्म करने का कारण यह रहा कि उनके मस्तिष्क के स्मरण रखने वाले भागों को कम रक्त प्रवाहित हुआ। जिन व्यक्तियों का रक्तचाप सामान्य था, उन्होंने इक व्यक्तियों की तुलना में अच्छा परफार्म किया।
शिशु से मां को मिल सकता है स्तन कैंसर
हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार जिन महिलाओं के शिशुओं को छोटी उम्र में ही कैंसर हो जाए तो इन महिलाओं को भविष्य में भी स्तन कैंसर होने की संभावना अधिक हो जाती है। द यूरोपियन ब्रेस्ट कैंसर कांफ्रेंस में प्रस्तुत इस शोध में यह देखा गया कि जिन बच्चों को पांच वर्ष की उम्र से पूर्व ही किसी प्रकार का कैंसर पाया गया, उनकी माताओं को शिशु के जन्म के बाद के दस वर्षों में ही स्तन कैंसर होने की संभावना दुगुनी पायी गयी।
एंटीबायटिक्स पक्षाघात की संभावना को कम कर सकते हैं
सामान्यत: डॉक्टर निमोनिया आदि होने पर एंटीबायटिक्स देते हैं पर अब गत दिनों हुए एक नवीनतम शोध से सामने आया कि एंटीबायटिक्स खासकर पेंसिलिन पक्षाघात से भी सुरक्षा देगी। बैक्टीरिया से निपटने वाली दवाई का संबंध ऐसी समस्या से जिसमें रक्तवाहिनियों में अवरोध के फलस्वरूप मस्तिष्क को रक्त पहुंचने में बाधा आये, यह तो हैरत की बात है, पर इस शोध के विशेषज्ञों के अनुसार पक्षाघात तब होता है जब कोलेस्ट्रॉल प्लेक रक्त वाहिनियों में टूटता है और मस्तिष्क को पहुंचने वाले रक्तस्राव में बाधा आती है। विशेषज्ञों के अनुसार इस प्लेक में बैक्टीरिया होते हैं और इन्हीं बैक्टीरिया की उपस्थिति के कारण यह प्लेक रक्त को मस्तिष्क तक नहीं पहुंचने देता। यहीं पर एंटीबायटिक्स का कार्य शुरू होता है। अगर ये बैक्टीरिया नष्ट हो जाएं तो पक्षाघात की संभावना को कम किया जा सकता है।