राजस्थान : राजस्थान के बारां में मानव तस्करी के अन्तर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने इस गिरोह में दो महिला सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। 13 साल की बेटी को उसकी मां और मौसी ने 15 दिन में दो जगह बेचकर शादी कराई। पुलिस ने मां, मौसी, दलाल सहित खरीदार को गिरफ्तार किया है। बारां के छीपाबड़ौद में लावारिस हालत में 13 वर्षीय लड़की 12 जनवरी को मिली थी। जांच में पता चला कि वह बिहार की रहने वाली है। पुलिस ने लड़की को बाल कल्याण समिति बारां के समक्ष पेश किया गया था। एएसपी विजय स्वर्णकार का कहना है कि काउंसलिंग में नाबालिग लड़की ने बताया कि वह बिहार की रहने वाली है। नाबालिग के अंकल संजय मौसा आलोक और मौसी रेशमा ने उसे एक लाख रुपये में बेचकर उसकी मर्जी के खिलाफ उसकी शादी करा दी। उसकी शादी 07 दिसम्बर को चांवलखेडी थाना छबडा के रहने वाले बनवारी नाम के व्यक्ति से करा दी थी। लड़की ने बताया कि चावलखेडी बनवारी के पास नहीं रहना चाहती थी तो उसको उसके परिजन चांवलखेडी से छीपाबड़ौद निवासी गीता सिंह के पास लेकर आ गए। फिर उसकी मां, अंकल, मौसा, मौसी और गीता सिंह ने उसे 01 लाख 21 हजार रुपये में बेचकर उसकी शादी दोबारा 24 दिसम्बर को छीपाबडौद में मुकेश नाम के व्यक्ति से करा दी। लड़की का कहना था कि वह दूसरे पति मुकेश के साथ नहीं रहना चाहती थी क्योंकि मुकेश उससे डरा धमकाकर मार-पीट करता था। वह मुकेश के घर से बिना बताए गीता सिंह के पास छीपाबड़ौद वापस आ गई। गीता सिंह ने उसे मुकेश के घर वापस भेज दिया। वहां से वह उसी रात को मुकेश के घर से भागकर छीपाबडौद कस्बा में आ गई। इस पर थाना छीपाबडौद में पुलिस ने नाबालिग के खरीद-फरोख्त और बलात्कार तथा पॉक्सो एक्ट बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए बारां पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार बंसल ने आरोपियों की गिरफ्तारी करने के निर्देश दिए। इस पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय स्वर्णकार के निर्देशन में पुलिस उप अधीक्षक राकेश शर्मा के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। इसके बाद पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया। पीड़िता की मां को भी गिरफ्तार कर लिया गया है बाकी अपराधियों की तलाश की जा रही है।
जब 15 दिन में 2 बार हुई 13 साल की बच्ची की शादी
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