कोलकाता : होलिका दहन 28 मार्च को किया जाएगा और होली 29 मार्च को खेली जाएगी। हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा तिथि पर किया जाता है और फिर इसके अगले दिन होली खेलने की परंपरा है। धार्मिक दृष्टि से होलिका दहन को अच्छाई की बुराई पर जीत के रूप में देखा जाता है। मान्यता है कि इस शुभ अवसर पर कुछ विशेष उपाय करने से कई प्रकार के लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। ये उपाय इस प्रकार हैं –
- दांपत्य जीवन में शांति के लिए होली की रात उत्तर दिशा में एक पाट पर सफेद कपड़ा बिछाकर उस पर मूंग, चने की दाल, चावल, गेहूं, मसूर, काले उड़द एवं तिल के ढेर पर नवग्रह यंत्र स्थापित करें। इसके बाद केसर का तिलक कर घी का दीपक जलाकर पूजन करें।
- रुका हुआ धन या फिर उधार की रकम वापस पाने के लिए होलिका दहन स्थल पर अनार की लकड़ी से उसका नाम लिखकर होलिका माता से अपने धन वापसी का निवेदन करते हुए उसके नाम पर हरा गुलाल छिड़कने से लाभ होगा।
- होलिका दहन की रात घर के सभी सदस्यों को सरसों का उबटन बनाकर पूरे शरीर पर मालिश करना चाहिए। इससे जो भी मैल निकले उसे होलिकाग्नि में डाल दें। ऐसा करने से जादू, टोने का असर समाप्त होता है और शरीर स्वस्थ रहता है।
- गाय के गोबर में जौ, अरसी, कुश मिलाकर छोटा उपला बना लें। इसे घर के मुख्य दरवाजे पर लटका दें। ऐसा करने से नजर दोष, बुरी शक्तियों, टोने-टोटके से घर और घर में रहने वाले लोग सुरक्षित रहते हैं।
- होलिका दहन की राख को घर के चारों ओर और दरवाजे पर छिड़कें। ऐसा करने से घर में नकारात्मक शक्तियों का घर में प्रवेश नहीं होता है। माना जाता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि आती है।
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