सोमवार से ही शुरू हो गई अयोध्या में पूजा
अयोध्याः अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का भूमि पूजन 5 अगस्त को होगा, लेकिन पूजा का कार्यक्रम आज से ही शुरू हो गया है। समूची अयोध्या रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के उल्लास में डूबी नजर आ रही है। घर-घर में तैयारी और उल्लास का माहौल है। भूमिपूजन शुरू हो चुका है। सड़कों-गलियों से लेकर छतों पर केसरिया पताके लहरा रही हैं। दीवारों पर रामायणकालीन नयनाभिराम दृश्य रामनगरी की अलौकिकता बयां कर रहे हैं। पूरे अयोध्या को पीले रंग में रंग दिया गया है। मोदी भूमिपूजन के पहले हनुमानगढ़ी के दर्शन करेंगे।
दूसरे दिन हुआ हनुमानगढ़ी में निशान पूजन
राम मंदिर के भूमिपूजन से पहले मंगलवार को हनुमानगढ़ी में निशान पूजन किया गया। निशान पूजन के द्वारा हनुमान जी से राम मंदिर निर्माण की अनुमति ली गई। मालूम हो कि राम मंदिर निर्माण में निशान हनुमानगढ़ी का निशान पूजन का काफी महत्व है। हनुमानगढ़ी का निशान 1700 वर्ष पुराना है। वहीं राम जन्मभूमि परिसर में राम अर्चना हुई। साथ ही रामर्चान पूजन के माध्यम से भगवान श्रीराम को प्रसन्न किया जा रहा है। भगवान श्री राम की प्रसन्नता के लिए रामर्चान पूजन विशेष तरीके का पूजन होता है। वाराणसी, अयोध्या, दिल्ली, हरिद्वार दक्षिण भारत के संत रामर्चान पूजन करा रहे हैं। राम अर्चना करीब साढ़े पांच घंटे तक होगी। राम अर्चना में भगवान राम, राजा दशरथ, रानी कौशल्या की पूजा होती है। रावण से युद्ध के समय श्रीराम की मदद करने वालों की भी पूजा होती है। हनुमान, नल-नील, सुग्रीव, जामवंत, विभीषण की भी पूजा की जाएगी।
तीसरे दिन निर्धारित मुहूर्त पर हरि संकीर्तन
5 अगस्त को भूमि-पूजन के निर्धारित मुहूर्त पर सुबह साढ़े 11 से दोपहर साढ़े 12 बजे के मध्य हरि संकीर्तन का आयोजन किया जाएगा। पूरे कार्यक्रम में काशी, अयोध्या, दिल्ली, प्रयाग के विद्वानों को बुलाया है। अलग-अलग पूजा के अलग-अलग विद्वान हैं। पूरी टीम 21 ब्राह्मणों की है जो अलग-अलग तरीकों से पूजा कराएगी। यह एक वक्त में नहीं होगी बल्कि अलग-अलग कालखंड में अलग-अलग ब्राह्मण पूजा कराएंगे। सोमवार से शुरू हुए तीन दिवसीय राम मंदिर भूमि पूजन अनुष्ठान में हनुमानगढ़ी का भी एक कार्यक्रम ट्रस्ट की ओर से जोड़ा गया है। यहां हनुमान जी से सर्व कार्य सिद्धार्थ उनके निशान की पूजा मंगलवार को होगी, इसमें ट्रस्ट के सदस्य हिस्सा लेंगे। मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी अयोध्या के अधिष्ठाता हैं, इसलिए उनके निशान की पूजन के साथ ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। यह आयोजन 4 अगस्त को सुबह 8 बजे होगा।
लाखों दीप जलाए जाएंगे
रामनगरी के खास 25 स्थानों पर तैयारी की है, जबकि व्यापारी व समाजसेवी संगठनों ने सभी तिराहे-चौराहों पर दीपोत्सव की तैयारी के साथ लाइटिंग भी की है। शहर में लाखों दिए जलाए जाएंगे। वहीं आम लोग भी अपने घरों के बाहर दिए जलाएंगे। श्रीरामजन्मभूमि में सजावट से लेकर खास दीपोत्सव की तैयारी अवध विवि की छात्राओं के जिम्मे हैं।रामलला के मंदिर के साथ तबाह हुए दर्जनभर मंदिरों को भी ट्रस्ट ने सजाने की जिम्मेदारी ली है।
पीएम मोदी लेंगे संकल्प
अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थल पर मंदिर निर्माण का शुभारंभ किए जाने से पहले 5 अगस्त को भूमि पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर की आधारशिला रखेंगे और मंदिर के निर्माण कार्य का शुभारंभ भी किया जाएगा। जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम के लिए कुल 3 घंटे अयोध्या में रहेंगे। मंदिर के भूमि पूजन और शिलान्यास से पहले मोदी हनुमानगढ़ी पर पूजा करेंगे। यह मान्यता है कि भगवान हनुमान के आशीर्वाद के बिना भगवान राम का कोई काम शुरू नहीं किया जाता। इस कारण प्रधानमंत्री पहले हनुमान भगवान की पूजा करेंगे और उसके बाद भूमि पूजन के लिए जाएंगे।
भूमि पूजन ”ऐतिहासिक और भावनात्मक” आयोजन : योगी
अयोध्या में भूमि पूजन को ‘ऐतिहासिक और भावनात्मक’ आयोजन बताते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि इस दौरान कोविड-19 के नियमों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा और अनुरोध किया कि जो लोग आमंत्रित हैं, वही अयोध्या आएं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को अयोध्या के दौरे पर है। उन्होंने कहा, ‘4 और 5 अगस्त को हम लोग दीये जलायें, मंदिरों को सजायें, दीपोत्सव मनायें और रामायण का पाठ करते हुये उन लोगों को याद करें जिन्होंने मंदिर के लिये अपने प्राणों की आहुति दी।’ उन्होंने कहा कि तैयारियों में किसी तरह की कमी नहीं रहने दी जाएगी। कांग्रेस का नाम न लेते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग ‘नकारात्मक टिप्पणियां’ कर रहे हैं, वह केवल मंदिर निर्माण के कार्य में बाधा डालने का प्रयास कर रहे हैं।
कार्यक्रम में शामिल होंगे इकबाल अंसारी
ऐतिहासिक राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में मुस्लिम पक्ष के मुख्य मुद्दई रहे इकबाल अंसारी ने आगामी 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन समारोह का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि जो होना था, वह हो चुका है और अब हम सभी को आगे की राह देखनी चाहिए।
गर्भगृह में विराजमान रामलला का पूजन कर सकेंगे
विश्व हिंदू परिषद के केन्द्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने सोमवार को कहा कि 1989 में श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के लिए शिलान्यास हुआ था, पर मंदिर का निर्माण शासकीय बाधाओं, राजनीति और न्यायालयों में देरी के मकड़जाल में फंस गया। उन्होंने कहा कि लगभग 31 वर्ष बाद अब यह सुखद संयोग बना है।
आमंत्रित लोग ही शामिल हों
उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने सोमवार को लोगों से अपील की कि अयोध्या में 5 अगस्त को श्रीराम मंदिर की आधारशिला रखने के कार्यक्रम में कम से कम लोग या आमंत्रित लोग ही शामिल हों।
जनता की ओर से 11 चांदी की ईंट अयोध्या भेज रहे हैं : कमलनाथ
कमलनाथ ने कहा कि हम मध्य प्रदेश की जनता की ओर से 11 चांदी की ईंट अयोध्या भेज रहे हैं। ये ईंटे कांग्रेस सदस्यों ने दान देकर खरीदी हैं। उन्होंन यह भी कहा कि हम राजीव गांधी जी को प्रणाम करते हैं, जिन्होंने ताले खोले थे। वहीं से ये राम मंदिर की कथा शुरू होती है।