नयी दिल्ली : बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के 100 दिन पूरे हो गए है, ऐसे में जांच और न्याय मिलने में हो रही देरी पर सुशांत के परिवार के वकील विकास सिंह ने नाराजगी जताते हुए शुक्रवार को दावा किया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) टीम का हिस्सा रहे एक चिकित्सक ने उन्हें बहुत पहले बताया था कि राजपूत की तस्वीरें संकेत देती हैं कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि गला दबाकर हुई कथित हत्या थी। वकील ने ट्वीट कर कहा कि इस मामले में निर्णय लेने में सीबीआई की देरी से वह हताश हो रहे हैं।
200 प्रतिशत गला घोंट कर मारे जाने का मामला, आत्महत्या नहीं
सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘आत्महत्या के लिए उकसाने को एसएसआर (सुशांत सिंह राजपूत) की हत्या के मामले में बदलने का फैसला करने में सीबीआई की देरी से हताश हो रहा हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एम्स टीम का हिस्सा रहे चिकित्सक ने मुझे बहुत पहले बताया था कि मैंने उन्हें जो तस्वीरें भेजी थीं, वे 200 प्रतिशत इस बात की ओर इशारा करती हैं कि यह गला दबाने से हुई मौत थी, आत्महत्या नहीं।’’ राजपूत (34) का शव 14 जून को उपनगर बांद्रा में अपने अपार्टमेंट में लटका मिला था। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
इस मामले में और जांच किए जाने की जरूरत है: एम्स फॉरेंसिक चीफ
वहीं एम्स के फॉरेंसिक चीफ सुधीर गुप्ता ने एक खास बातचीत में विकास सिंह के बयान का जवाब देते हुए कहा कि जांच अभी चल रही है। जो वो कह रहे हैं वो ठीक नहीं है। हम सिर्फ गले पर खिंचने के निशान और क्राइम सीन को देखकर इस नतीजे पर नहीं पहुंच सकते हैं कि ये हत्या है या आत्महत्या। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में और जांच किए जाने की जरूरत है जो चल रही है और कोई नतीजा अब तक नहीं निकाला गया है। मालूम हो कि 14 जून को सुशांत सिंह राजपूत अपने मुंबई स्थित फ्लैट पर पंखे से लटके पाए गए थे।
सुशांत मामला : वकील विकास सिंह का दावा- एम्स के डॉक्टर के अनुसार सुशांत को गला घोंट कर मारा गया
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