पटना : कोरोना महामारी से निपटने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के सभी विधायक एवं विधान पार्षदों से सहयोग के रूप में मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना निधि से कोरोना उन्मूलन कोष में 50 लाख रुपये का अंशदान करने की शुक्रवार को अपील की। कुमार ने यहां एक अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों के संबंध में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में कहा कि मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत विधायकों एवं विधान पार्षदों को अपने-अपने क्षेत्र में एक वर्ष में तीन करोड़ रुपये खर्च करने के लिए अनुशंसा करने का अधिकार है, जो कि योजना एवं विकास विभाग के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है।
50 लाख रुपये करे दान
उन्होंने कहा कि सभी विधायक एवं विधान पार्षद अपने मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना निधि से न्यूनतम पचास लाख रुपये कोरोना वायरस से निपटने के लिए सहयोग के रूप में स्वास्थ्य विभाग के कोरोना उन्मूलन कोष में अंशदान करे सकते हैं। वे अपनी इच्छा के अनुसार इससे अधिक राशि के अंशदान की भी अनुशंसा कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए राज्य सरकार की ओर से नोडल विभाग बनाया गया है। स्वास्थ्य विभाग अलग से कोरोना स्पेसिफिक अकाउंट खुलवाएं, जिसमें जल्द से जल्द राशि का हस्तांतरण हो सके।
संक्रमण से निपटने के लिए उपकरण
स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए जरूरी उपकरण, दवा, मास्क, निजी सुरक्षा उपकरण की व्यवस्था इस राशि के माध्यम से करेगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग जहां जो आवश्यकता महसूस करे उसके अनुसार इस राशि का व्यय कर सकता है। इसके लिये वित्तीय नियामावली में संशोधन कर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव और सचिव को पूर्व में ही अधिकृत किया जा चुका है।
स्वास्थ्य विभाग और वेंटीलेटर की करे खरीद
कुमार ने कहा कि लॉकडाउन होने के पूर्व ही 13 मार्च को राज्य सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए सौ वेंटीलेटर खरीदने की अनुमति दी थी। यदि इससे अधिक वेंटीलेटर मिल पाते हैं तो स्वास्थ्य विभाग और वेंटीलेटर की खरीद करे। उन्होंने कहा कि जीविका समूह के माध्यम से मास्क का निर्माण किया जा रहा है। हाजीपुर और आरा में सेनिटाइजर बनाये जा रहे हैं। आज शाम तक दस हजार टेसि्टंग किट उपलब्ध हो जायेंगे इससे जांच में सुविधा मिलेगी।
राहत केंद्र बनायेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के कारण बिहार के बाहर फंसे लोगों को हरसंभव सहायता उपलब्ध करायी जाए। टेलीफोन के माध्यम से जो लोग भी अपनी तकलीफ की सूचना देते हैं उन्हें हरसंभव सुविधा मिले। उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 में जिस तरह आपदा राहत केंद्र बनाये गये थे उसी तर्ज पर बेहतर ढंग से आपदा राहत केंद्र कार्य करे। वहां पर चिकित्सक एवं पुलिस की हर समय उपलब्धता रहे।
सभी जरूरी चीजें रहेंगी उपलब्ध
कुमार ने कहा कि आपदा राहत केंद्र में सोशल डिस्टेंसिंग पर ध्यान दिया जाए। सोशल डिस्टेंसिंग ही कोरोना संक्रमण से बचने का सबसे बेहतर उपाय है। भोजन के दौरान भी आपस में दूरी बनी रहे। उन्होंने कहा कि आपदा राहत केंद्र में भोजन, पानी, साफ-सफाई एवं शौचालय की उपलब्धता के साथ-साथ अन्य जरूरत की चीजें भी उपलब्ध रहे।कल दिये गये सौ करोड़ रुपये आपदा के लिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति से उबरने के लिए सरकार अपनी ओर से हरसंभव उपाय कर रही है। मुख्यमंत्री राहत कोष से भी कल ही सौ करोड़ रुपये दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि कई मंत्रियों, विधायकों, विधान पार्षदों एवं अन्य लोगों ने स्वेच्छा से मुख्यमंत्री राहत कोष में अंशदान दिए हैं। बैठक के दौरान वर्तमान परिस्थिति में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों पर भी विस्तृत चर्चा हुई। लॉकडाउन के कारण जो लोग बिहार के बाहर फंसे हुए हैं उनको दी जाने वाली राहतों के संबंध में भी चर्चा की गयी। मुख्यमंत्री को सभी जिलों में बनने वाले आपदा राहत केंद्रों के संबंध में बताया गया।
सभी अनुमंडल में भी आपदा राहत केंद्र शुरू हो जाएंगे
कुमार को आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि सभी जिलों में आपदा राहत केंद्र शुरू हो गए हैं। जल्द ही सभी अनुमंडल में भी आपदा राहत केंद्र शुरू हो जाएगा। उन्होंने अपने प्रस्तुतीकरण में 14 मार्च से विदेश एवं देश के अन्य हिस्सों से बिहार में आने वाले नागरिकों की एक सूची के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
विधायक कोरोना उन्मूलन कोष में करें 50 लाख का अंशदान : नीतीश
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