डॉ अरिंजय: “जो भी पेंडुलम बने रहे कि नहीं जाएंगे,नहीं जाएंगे। मैंने कहा कोई नहीं जा रहा है। दिमाग मत लगाओ छोड़ो। अब वो छांटो जिनकी (ऑक्सीजन) बंद हो सकती है।”
डॉक्टर के सामने बैठा शख्स: “जो बिल्कुल ही डेड लाइन पर हैं। “
डॉ अरिंजय : “एक ट्रायल मार दो। मॉक ड्रिल कर के देख लो कि कौन सा मरेगा, कौन सा नहीं मरेगा ?’
डॉ के सामने बैठा शख्स : “सही बात है, सही बात है।”
डॉ अरिंजय : “मॉक ड्रिल करी। सुबह सात बजे मॉक ड्रिल हुई। किसी को पता नहीं है कि मॉक ड्रिल कराई। सुनकर के सबकी, छंट गए 22 मरीज। नीले पड़ने लगे।”
डॉ के सामने बैठा शख्स : “22 मरीज छंट गए भाई साहब ?”
डॉ अरिंजय:”22 मरीज छंट गए कि ये मरेंगे।”
डॉ के सामने बैठा शख्स :”ओह भाई साहब, कितनी देर के लिये मॉक ड्रिल करी ?”
डॉ अरिंजय :”पांच मिनट के लिए। “
डॉ के सामने बैठा शख्स :”पांच मिनट में 22 मरीज ?मॉक ड्रिल हुए,हुए।”
डॉ अरिंजय : “नीले पड़ने लगे, 74 बचे, इन्हें टाइम मिल जाएगा।”
डॉ के सामने बैठ शख्स : ” सही बात है।”
डॉ अरिंजय : “फिर 74 से कहा कि अपना सिलेंडर लाओ।”
Medical murder: Amid scarcity of oxygen, 22 patients in critical condition reportedly died after a private hospital management switched off oxygen supply for 5 minutes on Apr 26.
Dr Arinjay Jain, owner of Paras hospital in Agra, caught on camera narrating the inhuman incident. pic.twitter.com/CNb8eLqaeB
— Deepak-Lavania (@dklavaniaTOI) June 7, 2021
वीडियो वायरल होने के बाद जब मीडिया ने पारस अस्पताल के मालिक डॉ अरिंजय जैन से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि किसी मरीज की ऑक्सीजन बंद नहीं की गई बल्कि ऑक्सीजन की किल्लत की वजह से उसका बेहतर मैनेजमेंट करने के लिए ऑक्सीजन के फ्लो मीटर से चेक किया गया कि किस मरीज को कितनी ऑक्सीजन की जरूरत है। इसके लिए मरीजों की अलग-अलग कैटेगरी बनाई गईं। आगरा के डीएम प्रभु नारायण सिंह का कहना है कि वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए उसकी जांच कराई जाएगी।
इस पूरे प्रकरण में सबसे गंभीर बात डॉ अरिंजय की बातचीत का वो हिस्सा है जिसमें वो कोरोना के मरीजों के साथ 5 मिनट के लिए मॉकड्रिल करने की बात कहते हैं और ये भी कहते हैं कि 22 मरीज छंट गए। वे मरीज नीले पड़ने लगे। पता चल गया कि ये मर जाएंगे। मरीज को लगी ऑक्सीजन का प्रेशर उसके फ्लो मीटर से पता चलता रहता है। उसके लिए कौन-सी मॉक ड्रिल की गई ?और क्यों की गई? यह उन्होंने नहीं बताया। उन्होंने ये भी नहीं बताया कि उस मॉकड्रिल में ऐसा क्या किया गया जिससे 22 मरीज नीले पड़ने लगे?