बिहेवियरल साइंस विशेषज्ञ इस बात की सलाह भी देते हैं कि हमें ये पता करना चाहिए कि हम अपने चेहरों को क्यों छूते हैं। विशेषज्ञ इसे समझाते हुए कहते हैं कि अगर हम उन स्थितियों को पहचान जाएं जब हमें चेहरा छूने की जरूरत महसूस होती है तो हम ऐसे मौकों पर जरूरी कदम उठा सकते हैं। जो लोग अपनी आंखों को छूते हैं, वे धूप का चश्मा पहन सकते हैं, या जब लगे कि अब वे चेहरा छूने जा रहे हैं तो हाथों को दबाया जा सकता है।
अपने हाथों रखें व्यस्त
हम अपने हाथों को व्यस्त रखने के तरीकों का सहारा ले सकते हैं। इसमें मुलायम गेंदों जैसे खिलौनों का इस्तेमाल कर सकते हैं जिनसे हाथ व्यस्त रहते हैं, लेकिन आपको उन्हें अक्सर कीटाणुरहित करना पड़ सकता है। इसके साथ-साथ आप खुद को याद दिलाने के लिए नोट भी बना सकते हैं।
रिश्तेदारों को ऐसा करने पर टोकने के लिए कहें
विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर कोई जानता है कि उनकी एक आदत ऐसी है जिसे वे चाहकर भी नहीं रोक पाते हैं तो वे अपने दोस्तों या रिश्तेदारों को ऐसा करने पर टोकने के लिए कह सकते हैं।
दस्ताने कैसे विकल्प हैं ?
दस्ताने पहनना एक विकल्प तो है, लेकिन एक सवाल ये उठता है कि क्या खुद को याद दिलाने के लिए दस्ताने पहने जाने चाहिए ? इसका आसान जवाब है कि ये एक गलत तरीका है, जब तक कि दस्तानों को बार-बार साफ करके कीटाणुमुक्त न किया जाए, नहीं तो वे भी हानिकारिक बन जाएंगे।
चेहरा छूने की जरूरत कब होती है?
Visited 183 times, 1 visit(s) today