
नयी दिल्ली: रूस में विकसित कोरोना वायरस कोविड-19 की वैक्सीन ‘स्पूतनिक वी’ की 10 करोड़ से अधिक खुराक भारत में तैयार की जायेगी। अगले साल जनवरी से इसका निर्माण शुरू हो सकता है। रूस डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) और हैदराबाद स्थित दवा कंपनी हेरेतो बायोफार्मा के बीच इस संबंध में करार हो गया है। हेरोतो के निदेशक बी मुरली कृष्ण रेड्डी ने बताया कि हमें कोविड-19 के उपचार के लिए स्पूतनिक वी वैक्सीन के निर्माण के लिए आरडीआईएफ के साथ साझेदारी पर प्रसन्नता है और हम वैक्सीन के भारत में जारी क्लीनिकल परीक्षण के परिणाम का इंतजार कर रहे हैं। स्थानीय स्तर पर वैक्सीन को तैयार करने से मरीजों तक इसकी पहुंच आसान होती है।
आरडीआईएफ ने रूस में स्पूतनिक वी वैक्सीन के तीसरे चरण के मानव परीक्षण के परिणाम की घोषणा 24 नवंबर को की थी। यह परीक्षण 40,000 वॉलंटियर पर किया गया जिसका परिणाम सकारात्मक रहा। भारत में अब स्पूतनिक वी का दूसरे और तीसरे चरण का मानव परीक्षण किया जा रहा है। साथ ही वेनेजुएला, बेलारूस और संयुक्त अरब अमीरात में भी इस टीके के लिए तीसरे चरण का मानव परीक्षण हो रहा है। मालूम हो कि इस माह अब तक दवा कंपनी फाइजर, मॉर्डना, एस्ट्राजेनेका और स्पूतनिक वी को विकसित करने वाला गैमलेय रिसर्च इंस्टीट्यूट अपनी-अपनी कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण की मानव परीक्षण की रिपोर्ट जारी कर चुका है।