
नई दिल्लीः हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को तुलसी विवाह किया जाता है। हिंदू धर्म में तुलसी विवाह और देवउठनी एकादशी का बहुत महत्व है। इस साल 25 नवंबर यानी बुधवार को यह पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शालिग्राम का विवाह माता तुलसी के साथ कराया जाता है। मान्यता के मुताबिक, जो व्यक्ति शालिग्राम और तुलसी का विवाह पूरे विधि-विधान के साथ करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
हिंदू धर्म में इस पावन पर्व के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं, जिनका पालन करने से कुंवारी लड़कियों को मनचाहा वर मिल जाता है। वहीं, अगर किसी की शादीशुदा जिंदगी में कष्ट हो तो उनसे छुटकारा मिल जाता है। इसके अलावा जीवन में आने वाली मुसीबतों से भी छुटकारा मिल जाता है। अगर आप भी तुलसी विवाह के पावन पर्व पर अपनी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करना चाहते हैं तो इन उपायों को जरूर आजमाएं।
वैवाहिक जीवन से कलह होगा दूर
अगर किसी के वैवाहिक जीवन में लगातार लड़ाई-झगड़ा बना हुआ है तो तुलसी विवाह के दिन एक उपाय अवश्य कर लें। तुलसी विवाह से एक दिन पहले तुलसी के कुछ पत्ते तोड़ें और उन्हें पानी में डुबो दें। फिर तुलसी विवाह वाले दिन उस पानी को घर के मुख्य दरवाजे पर डाल दें। इस उपाय को करने से पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।
अगर किसी के दांपत्य जीवन में झगड़े होते रहते हैं तो उन्हें तुलसी विवाह के दिन तुलसी माता पर चढ़ाए गए श्रंगार को किसी सुहागन स्त्री को दान में दे देना चाहिए या मां लक्ष्मी के दर में अर्पित कर देना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से सभी तरह की परेशानियों से मुक्ति मिलती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।
मनचाहे वर की मनोकामना होती है पूर्ण
अगर किसी कन्या की शादी में दिक्कतें आ रही हैं या फिर उसे मनचाहा वर नहीं मिल रहा है तो उसे तुलसी पूजा के दिन एक उपाय जरूर करना चाहिए। तुलसी विवाह के दिन मां तुलसी को लाल रंग की चुन्नी चढाएं। इसके बाद अगले दिन से उस चुन्नी को अपने पास रख लें। ऐसा करने से माता तुलसी प्रसन्न होती हैं, जिसके फलस्वरूप मनचाहा वर मिलता है।
इसके अलावा शादी में देरी होने पर सात साबुत हल्दी की गांठ, केसर, गुड़ और थोड़ी सी चने की दाल को पीले कपड़े में बांध लें। इसके बाद इन चीजों को भगवान विष्णु के मंदिर में अर्पित करें। भगवान विष्णु के आशीर्वाद से जल्द ही आपकी शादी का योग बन जाएगा।