
गुरुग्राम : पॉलिसीबाज़ार डॉट कॉम द्वारा कराए गए एक सर्वे के मुताबिक अब अधिक संख्या में महिलाएं खुद के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने लगी हैं। सर्वे के अनुसार, हेल्थ प्लान खरीदने वाली महिलाओं की संख्या वित्त वर्ष 17 में 9% से बढ़कर वित्त वर्ष 19 में 19% हो गई है। यह बात सामने आई है कि हर 10 में 6 महिलाएं अपने लिए हेल्थ प्लान खरीदती हैं और रु. 5 लाख या अधिक का सम इंश्योर्ड भी लेती हैं। इस सर्वे में भारत के 15 राज्यों की लगभग 10,000 महिलाओं द्वारा हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के व्यवहार का अध्ययन किया गया।
सर्वे के मुताबिक, वित्त वर्ष 18 की तुलना में एक महिला प्रपोजर के नाम से हेल्थ इंश्योरेंस बुक किये जाने के आंकड़ों में वित्त वर्ष 19 में 57% की भारी बढ़ोत्तरी हुई है। यह परिणाम दिखाते हैं कि अधिकतर महिलाएं एक बड़े कवर के साथ हेल्थ प्लान खरीदने लगी हैं और उन्हें बढ़ते मेडिकल खर्चों के प्रति सुरक्षा की अहमियत भी अच्छी तरह पता है। गत वर्ष की तुलना में रु. 5 से 10 लाख तक से सम इंश्योर्ड वाले हेल्थ प्लान की बिक्री में वित्त वर्ष 19 में लगभग 80 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं, दूसरी तरफ इसी अवधि में रु. 10 लाख और इससे अधिक के सम इंश्योर्ड वाली पॉलिसियों की बुकिंग में 61% उछाल दर्ज किया गया।
अपने निजी आर्थिक फैसलों के लिए सक्रियता दिखाती महिला पॉलिसीधारकों की बढ़ती संख्या बदलते सामाजिक परिदृश्य का भी संकेत देती हैं। महिलाओं के लिए इंश्योरेंस अब फाइनेंशियल प्लानिंग प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। महिला पॉलिसीधारकों की उम्र की बात करें तो सर्वे में यह देखने मिलता है कि हेल्थ प्लान खरीदने वाली महिलाओं की एक बड़ी संख्या (सर्वे में शामिल महिलाओं का दो तिहाई हिस्सा) 25 से 45 वर्ष की उम्र के बीच आती हैं। यह ट्रेंड दिखाता है कि महिलाएं अब अपने करियर के शुरुआती वर्षों में ही बीमारियों के लिए सुरक्षा हासिल करने को प्राथमिकता देने लगी हैं।
सर्वे परिणामों के बारे में पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के हेल्थ इंश्योरेंस के हेड अमित छाबड़ा ने कहा कि भारत में महिलाओं का औसत जीवनकाल 69 वर्ष का होता है, जिससे यह साफ पता चलता है कि महिलाओं को सही हेल्थ इंश्योरेंस लेना बेहद जरूरी है। एक हेल्थ प्लान सभी उम्र की महिलाओं के लिए जरूरी है। किशोर उम्र की लड़कियां अपने पैरेंट्स के साथ हेल्थ इंश्योरेंस की सुरक्षा प्राप्त कर सकती हैं, वहीं शादीशुदा महिलाओं को एक निजी हेल्थ पॉलिसी लेना बेहद जरूरी है।
उन्होंने आगे कहा कि साल दर साल महिलाओं में दिल की बीमारियों, डायबिटीज, थाइरॉइड, इनफर्टिलिटी और ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ऊपर दिये गए आंकडे सिर्फ सांकेतिक हैं, जो महिलाओं द्वारा हेल्थ प्लान खरीदने के प्रचलन में बदलाव को दर्शाते हैं। यह हेल्थ प्लान उनके लिए कई तरीकों से फायदेमंद है और जीवन में किसी आकस्मिक मुश्किल की घड़ी में उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करते हैं।