G20 बैठकों पर पाकिस्तान और चीन को दर्द, PM मोदी ने एक लाइन में सुना दिया

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि लंबे समय तक भारत को एक अरब भूखे पेट वाले देश के रूप में देखा जाता था, पर अब यह एक अरब महत्वाकांक्षी मस्तिष्क और दो अरब कुशल हाथों वाला देश बन चुका है। एक विशेष इंटरव्यू में पीएम ने कश्मीर पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में पाकिस्तान और चीन को भी दो टूक संदेश दिया। दरअसल, कश्मीर में जी20 की बैठक आयोजित करने पर पड़ोसी पाकिस्तान ने आपत्ति जताई थी। उधर, अरुणाचल प्रदेश में बैठक हुई तो चीन को तकलीफ हुई। अब दिल्ली में जी20 नेताओं की बैठक से ठीक पहले पीएम मोदी ने पाकिस्तान और चीन की आपत्तियों को खारिज करते हुए साफ कहा है कि देश के हर हिस्से में बैठकें होना स्वाभाविक है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जी 20 के सालभर चलने वाले कार्यक्रमों में डेढ़ करोड़ से ज्यादा भारतीय शामिल हैं। आपको बता दें कि पाकिस्तान जी20 का सदस्य नहीं है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को दिल्ली समिट के लिए आना था लेकिन ऐन वक्त पर उन्होंने अपने प्रधानमंत्री को भेजने का फैसला किया है। अगले कुछ दिन बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन समेत दुनिया के कई दिग्गज नेता दिल्ली पहुंचेंगे।

पीएम मोदी ने कहा, आज भारतीयों के पास विकास की नींव रखने का एक बड़ा मौका है जिसे अगले एक हजार वर्षों तक याद किया जाएगा।

इसके अलावा पीएम ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि विभिन्न जगहों पर अलग-अलग संघर्षों को सुलझाने के लिए बातचीत और कूटनीति ही एकमात्र रास्ता है। पीएम ने कहा कि भारत की जी 20 की अध्यक्षता ने तथाकथित तीसरी दुनिया के देशों में भी विश्वास के बीज बोए। आगे पढ़िए पीएम के इंटरव्यू की बड़ी बातें-

  • भारत की जी-20 अध्यक्षता के कई सकारात्मक परिणाम आए हैं और इनमें से कुछ मेरे दिल के बहुत करीब हैं।
  • जी-20 में हमारे शब्दों और दृष्टिकोण को विश्व ने केवल विचारों के रूप में ही नहीं बल्कि भविष्य के रोडमैप के रूप में देखा है।
  • कभी केवल एक बड़े बाजार के रूप में देखा जाने वाला भारत अब वैश्विक चुनौतियों के समाधान का हिस्सा है।
  • गैर-जिम्मेदाराना वित्तीय नीतियों और लोकलुभावन वादे का सबसे अधिक असर सबसे गरीब वर्ग पर पड़ता है।
  • आतंकवादी अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए ‘डार्कनेट’, ‘मेटावर्स’ और ‘क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म’ का उपयोग कर रहे हैं। 
  • राष्ट्रों के सामाजिक ताने- बाने पर इसका असर पड़ सकता है।
  • साइबर खतरों को बहुत गंभीरता से लिया जाना चाहिए- साइबर आतंकवाद, ऑनलाइन कट्टरपंथ, मनी लॉन्ड्रिंग इस खतरे की झलक भर हैं।
  • फर्जी खबरें अराजकता का कारण बन सकती हैं और इनसे समाचार माध्यमों की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंच सकता है। इसका इस्तेमाल समाज में अशांति के लिए किया जा सकता है।
  • मेरे पूर्ववर्तियों को दिल्ली के बाहर दूसरे राज्यों के लोगों पर भरोसा नहीं था कि वह भी महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय बैठकों का सफलतापूर्वक आयोजन कर सकते हैं।
  • निकट भविष्य में भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में होगा।भारत की जी 20 अध्यक्षता का विषय ‘वसुधैव कुटुंबकम’ सिर्फ एक नारा नहीं बल्कि व्यापक दर्शन है, जो हमारे सांस्कृतिक लोकाचार से लिया गया है।

 

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