मुंबई : मुंबई में 26 नवंबर 2008 में आज ही के दिन देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने हमला किया था। आज मुंबई हमले की बरसी है, इस मौके पर हर कोई उस पल को याद कर रहा है और शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मौके पर ट्वीट किया और शहीदों को नमन किया। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि मुंबई 26/11 आतंकी हमलों में जान गंवाने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। साथ ही उन्होंने कहा, इन हमलों में आतंकियों का डटकर सामना करने वाले वीर सुरक्षाकर्मियों को कोटि-कोटि नमन। यह राष्ट्र आपकी वीरता और बलिदान के प्रति सदैव कृतज्ञ रहेगा।
इतिहास से कभी भुलाया नहीं जाएगा शहीदों का बलिदान : मुंबई पुलिस
केंद्रीय गृह मंत्री के अलावा मुंबई पुलिस ने शहीदों को याद करते हुए ट्वीट कर कहा, ‘‘उनका बलिदान स्मृति और इतिहास से कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। आज हम 26/11 हमलों के शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।’’ महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने पुलिस मुख्यालय में नवनिर्मित स्मारक पर श्रद्धांजलि दी। एक अधिकारी ने बताया कि आतंकी हमले की 12वीं वर्षगांठ पर कोविड-19 के मद्देनजर सीमित संख्या में लोग एकत्रित हुए। कुछ शहीद पुलिसकर्मियों के परिवार के सदस्यों ने भी स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। आयोजन के दौरान राज्यपाल, मुख्यमंत्री और गृह मंत्री, शहीदों के परिजनों से मिले।
26/11 के बहादुर योद्धाओं को सलाम : महाराष्ट्र पुलिस
महाराष्ट्र पुलिस ने ट्वीट किया, ‘‘लोगों की रक्षा करते हुए प्राण गंवाने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि।’’ मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘26/11 के बहादुर योद्धाओं को सलाम। उनके बलिदान को लाखों लोग याद कर रहे हैं।’’ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने भी 2008 में मुंबई पर हुए आतंकी हमलों में शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी। स्मृति ईरानी ने भी ट्वीट कर शहीदों को नमन किया और कहा, 26/11 के मुंबई आतंकी हमले में देश की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान अर्पित करने वाले जवानों, पुलिसकर्मियों एवं नागरिकों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि।
60 घंटे तक चली थी जवाबी कार्रवाई
मालूम हो कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के 10 आतंकवादी 26 नवंबर 2008 को समुद्र के रास्ते मुंबई में घुस आए थे और उन्होंने 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोगों की हत्या कर दी थी। 60 घंटे तक चली जवाबी कार्रवाई में कई लोग घायल भी हो गए थे। इस हमले में आतंकरोधी दल के प्रमुख हेमंत करकरे, सेना के मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, मुंबई के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अशोक कामटे, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विजय सालस्कर और सहायक उप निरीक्षक तुकाराम ओम्ब्ले शहीद हो गए थे। सुरक्षाबलों द्वारा 9 आतंकवादी मारे गए थे। अजमल कसाब नामक एकमात्र आतंकी जीवित पकड़ा गया था, जिसे 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई थी।