
दरभंगा : साहित्य अकादमी की पूर्व मैथिली संयोजक डॉ. वीणा ठाकुर ने कहा है कि मिथिलाक्षर और कैथी लिपि की पढ़ाई जब तक प्राथमिक स्तर के विद्यालयों में आरंभ नहीं होगी, इसे बचाकर नयी पीढ़ी को सौंपना कठिन है।
डॉ. वीणा ठाकुर ने रविवार को यहां आयोजित सात दिवसीय कैथी एवं मिथिलाक्षर प्रशिक्षण कार्यशाला के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि इंटरमीडिएट और स्नातक वर्ग में भी मिथिलाक्षर और कैथी अनुवाद के लिए अंक निर्धारित कर इस दिशा में कार्य किया जा सकता है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि मिथिलाक्षर और कैथी लिपि की पढ़ाई जब तक प्राथमिक स्तर के विद्यालयों में आरंभ नहीं होगी, इसे बचाकर नयी पीढ़ी को सौंपना कठिन है। केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान के सहायक निदेशक डॉ. नारायण चौधरी ने कहा कि केंद्रीय सरकार ‘भारत वाणी’ कार्यक्रम के अंतर्गत कैथी एवं मिथिलाक्षर की पांडुलिपियों को सहेजने एवं अनुवाद कार्यक्रम से जुड़ सकते हैं। मणिपुर सरकार द्वारा मेइतेइ मयेक लिपि को अपनाए जाने का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि लिपि के संरक्षण एवं संवर्द्धन की दिशा में यह महत्वपूर्ण है।