
कहा – प्रतिहिंसा की हो रही राजनीति
हमने पहले ही सुब्रत मुखर्जी, सुल्तान अहमद सहित कई को खो दिया है
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : ईडी के अधिकारियों ने कथित एसएससी घोटाला मामले में दो मंत्रियों पार्थ चटर्जी और परेश अधिकारी के आवास पर छापे मारे तथा इस दौरान पार्थ चटर्जी की तबीयत बिगड़ने की भी खबर आयी है। तृणमूल ने कहा कि उनके किसी भी नेता को मानसिक व शारीरिक रूप से कुछ भी होता है तो पार्टी छोड़कर बात नहीं करेगी, इसकी जिम्मेदारी ईडी, सीबीआई को लेनी होगी। शुक्रवार को तृणमूल के संवाददाता सम्मेलन में मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि 21 जुलाई के बाद आधी रात से ही प्रतिहिंसा की राजनीति दिखने लगी है। मंत्री ने कहा कि पहले ही हमलोगों ने मंत्री सुब्रत मुखर्जी, सांसद सुल्तान अहमद, तापस पाॅल, प्रसून बनर्जी की पत्नी को खो दिया है। अब हमलोग होशियार करते हुए कह रहे हैं कि अगर किसी को कुछ भी होता है तो हमलोग छोड़कर बात नहीं करेंगे। मंत्री ने कहा कि अगर घोटाला दिखाना है तो, सारधा कर्ता सुदीप्त सेन ने विरोधी दल नेता का कई बार नाम लिया है, फिर भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
चंद्रिमा ने कहा कि जब भी विरोधी शक्ति बोलना चाहती है, उसकी आवाज को दबाने की कोशिश की जाती है। अन्याय का प्रतिवाद करने पर केंद्र में जो पार्टी शासन कर रही है वह हमें हर तरह से दबाने लगती है। बंगाल में खासकर ऐसा किया जा रहा है। 21 जुलाई के विशाल कार्यक्रम को देखकर उसके बाद ही प्रतिहिंसा की राजनीति शुरू कर दी गयी है।