केष्टो की गिरफ्तारी के बाद कयास तेज, शताब्दी के नाम की चर्चा
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : करीब तीन दशक तक बीरभूम की राजनीति में रहे तृणमूल के बाहुबली दबंग नेता अनुव्रत मंडल आज सीबीआई के शिकंजे में है। अनुव्रत तृणमूल के बीरभूम जिलाध्यक्ष पद पर है, जिले में उनका अलग ही रौब देखा जाता है। उनकी गिरफ्तारी के बाद से एक ही सवाल उभर रहा है कि क्या अनुव्रत मंडल को तृणमूल जिलाध्यक्ष के पद से हटा देगी ? इस सवाल का उठना भी लाजमी है क्योंकि पार्टी ने कह दिया है कि भ्रष्टाचार के साथ पार्टी किसी तरह का कोई समझौता नहीं करेगी। इसके पहले पार्टी के महासचिव पद पर रहे तथा मंत्री रह चुके पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद उन्हें प्रशासनिक व पार्टी दोनों ही पदों से हटा दिया गया। अब बारी अनुव्रत मंडल की है जिसे लेकर चर्चा है कि बीरभूम के जिलाध्यक्ष के लिए सांसद शताब्दी रॉय का नाम तालिका में सबसे आगे है। हालांकि इस बारे में पार्टी की ओर से कुछ कहा नहीं गया है जबकि शताब्दी के नाम को लेकर जिला नेता एकमत नहीं दिख रहे है।
जिले को अलग फ्रेम में चलाते थे अनुव्रत
अनुव्रत मंडल को लेकर माना जाता है कि वह जिले को अपने तरीके से अलग ही फ्रेम में रखकर चलाते थे। संगठन को एक साथ लेकर चलने का उनका तरीका अलग था जो कमान अगर सांसद शताब्दी रॉय के हाथ आती है तो शताब्दी के लिए उसी धार पर जिले को चलाना संभव नहीं होगा। पार्टी सूत्रों का कहना है कि सांसद के तौर पर शताब्दी रॉय ने इलाके में भले काम किया हो लेकिन सांगठनिक स्तर पर अनुव्रत के स्तर पर कार्य करना शताब्दी के लिए सहज नहीं होगा।
शताब्दी का चेहरा साफ करेगी पार्टी की धूमिल छवि !
बीरभूम जैसे महत्वपूर्ण जिले में अनुव्रत की गिरफ्तारी पार्टी को बैकफुट पर ले जाने वाली घटना मानी जा रही है। इन हालात में शताब्दी के नाम को लेकर चल रही चर्चा के पीछे तुक दिया जा रहा है कि पार्टी अपनी धूमिल हो रही छवि को सुधारने के लिए सांसद का चेहरा जिले में अध्यक्ष के तौर पर लाना चाहती है। बहरहाल पार्टी का फैसला क्या होगा वह जल्द ही सामने आ जाएगा फिलहाल कयास लग रहे है जिन पर विराम भी तृणमूल ही लगाएगी।
क्या अनुव्रत को जिलाध्यक्ष पद से हटाएगी तृणमूल ?
Visited 126 times, 1 visit(s) today