
कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा ने सोमवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) विरोधी प्रस्ताव पारित कर दिया। इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी माकपा और कांग्रेस से राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार करते हुए केंद्र में भाजपा सरकार के खिलाफ मिलकर लड़ने का आह्वान किया। ममता ने प्रस्ताव पर विधानसभा में अपनी बात रखते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर),भारतीय राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और सीएए आपस में जुड़े हुए हैं और नया नागरिकता कानून जन-विरोधी है। साथ ही उन्होंने यह मांग की कि इस कानून को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।
सीएए जन विरोधी और संविधान विरोधी है
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘सीएए जन विरोधी है, संविधान विरोधी है। हम चाहते हैं कि इस कानून को तत्काल वापस लिया जाए।’ उन्होंने कहा कि ‘कांग्रेस और वाम मोर्चा को उनकी सरकार के खिलाफ अफवाह फैलाना बंद करना चाहिए। समय आ गया है कि हम अपने मतभेदों को भुलाकर देश को बचाने के लिए मिलकर संघर्ष करें।’
मुख्यमंत्री के जवाब के बाद सदन ने प्रस्ताव पारित किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी मुलाकात पर कांग्रेस और माकपा की आलोचनाओं का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘दीदी-मोदी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं’ वाला नारा विपक्षी दलों पर ही भारी पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा, ‘हमारी सरकार में दिल्ली में एनपीआर की बैठक में शामिल नहीं होने का साहस है और अगर भाजपा चाहे तो मेरी सरकार को बर्खास्त कर सकती है।’ मुख्यमंत्री के जवाब के बाद सदन ने प्रस्ताव पारित किया।