
सभाओंं में जुटती भारी भीड़ और जुलूस का क्या असर पड़ेगा
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : कोविड-19 के दूसरे दौर की शुरुआत देश के कुछ हिस्सों में हो गई है। इसका असर पश्चिम बंगाल पर भी पड़ा है। ऐसे में चुनावी सभाओं में जुटने वाली भारी भीड़ और जुलूस में शामिल होने वाले हजारों लोगों का हवाला देते हुए हाई कोर्ट में एक पीआईएल दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि इस चुनावी अफरा-तफरी में कोविड-19 के बाबत आईसीएमआर की गाइड लाइन का पालन नहीं हो रहा है।
एडवोकेट शमिक बागची ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सोमनाथ राय सहित कई ने यह पीआईएल दायर की है। उनमें डॉ. संजीव कुमार मुखर्जी सहित कई वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं। इस पीआईएल में हाई कोर्ट से अपील की गई है कि दुर्गापूजा और छठ आदि के मौके पर जिस तरह का निर्देश हाई कोर्ट की तरफ से दिया गया था कुछ उसी तरह का निर्देश इस चुनाव के मौके पर जारी किया जाए। सभाओं और रैलियों में कोरोना से बचाव के लिए निहायत जरूरी शारीरिक दूरी बनाये रखने और मास्क पहनने जैसे नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। हाई कोर्ट से अपील की गई है कि वह चुनाव आयोग को इस बाबत एहतियाती कदम उठाने का आदेश दे। इसमें कहा गया है कि डॉक्टरों के कई संगठनों ने चुनाव आयोग को इस बाबत पत्र लिखा था, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। इसमें वैक्सिनेशन को लेकर भी सवाल उठाया गया है।