
कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार को शांतिनिकेतन में विश्वभारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह पर आयोजित कार्यक्रम में नहीं शामिल हुईं। इस पर भाजपा ने सत्ताधारी पार्टी को घेरने की कोशिश की तो तृणमूल की ओर से कहा गया कि उन्हें विश्वभारती की ओर से कोई आमंत्रण पत्र नहीं मिला। तृणमूल ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को आमंत्रण नहीं भेज कर उन्हें अपमानित करने की कोशिश की गयी है। हालांकि इस दौरान विश्वभारती विश्वविद्यालय की ओर से मुख्यमंत्री को भेजा गया आमंत्रण पत्र सोशल मीडिया पर तुरंत वायरल हो गया और भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय से लेकर अन्य वरिष्ठ नेताओं ने इसे ट्वीट भी किया। पत्र में गत 4 दिसम्बर की तारीख का उल्लेख है जिसमें विश्वविद्यालय के वीसी विद्युत चक्रवर्ती के हस्ताक्षर भी हैं। वीसी द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे गये पत्र में 23 तारीख को होने वाले विश्वभारती के कार्यक्रम के लिए सीएम को आमंत्रित किया गया है। हालांकि जब इस संबंध में मुख्यमंत्री से पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि उन्हें किसी तरह का आमंत्रण नहीं मिला। सीएम ने कहा कि उन्होंने ट्वीट कर कवि गुरु रवींद्र नाथ टैगोर के प्रति श्रद्धा अर्पित की है, लेकिन विश्वभारती की ओर से कोई आमंत्रण पत्र उन्हें नहीं मिला है। सीएम ने यह भी कहा कि आमंत्रण पत्र भेजने की प्रक्रिया होती है जिसके लिए मेरा कार्यालय भी है।
तृणमूल ने कहा मुख्यमंत्री का अपमान
राज्य के मंत्री ब्रात्य बसु ने दावा किया कि विश्वभारती के कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री को आमंत्रण नहीं भेजकर उनका अपमान किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर आज रवींद्र नाथ टैगोर होते तो भाजपा उनका भी इसी तरह अपमान करती जिस तरह आज सीएम का अपमान किया जा रहा है।
भाजपा ने कहा, कार्यक्रम में नहीं आना कवि गुरु का अपमान
विश्वभारती के कार्यक्रम में सीएम के नहीं जाने को लेकर भाजपा सत्ताधारी पार्टी को घेर रही है। भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, ‘विश्वभारती ने गत 4 दिसम्बर को ही विश्वभारती को आमंत्रण भेजा था, लेकिन सीएम के लिए राजनीति ही गुरु देव टैगोर की विरासत से अधिक महत्वपूर्ण है।’ भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने भी इसे कवि गुरु का अपमान बताया।