सन्मार्ग संवाददाता/कोलकाता : ठंड का मौसम आते ही सभी ओर कुहासा हो जाता है जिससे दूर की चिजे खुले में रहने पर ठीक से दिखाई नहीं देती हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा ट्रेन परिसेवाएं प्रभावित होती है। अक्सर ट्रेन निर्धारित समय से देर से चलती हैै। इसमें ट्रेन के समय में बदलाव होते रहते हैं। नौबत तो यहां तक आ जाती है कि कुछ ट्रेनों को स्थगित करना पड़ जाता है। इसके अलावा कभी कभी ट्रेन दुर्घटना के शिकार भी हो जाते हैं।
लोकोपायलट को फॉग के सिचुवेशन की जानकारी देता है
आपको बता दें कि दक्षिण पूर्व रेलवे इस तरह की परेशानी से निपटने के लिए तैयार है। इसके लिए फॉग पास डिवाइज को इस्तेमाल करने के लिए चर्चा चल रही है। यह डिवाइज ग्लोबल पोयजनिंग सिस्टम से लैस है। यह लोको पायलेट को फॉग के सिचुवेशन की जानकारी देगा। जब भी कोई लैंडमार्क जियो फेंस रेंज के भीतर आता है, तो डिवाइस डिस्प्ले और ऑडियो मोड के माध्यम से काम करता है। लाॅकेशन ऑफ स्टेशन्स, वार्निंग्स बोर्ड, सिग्नल, लेवल क्रॉसिंग गेट और सीटी के लेवल क्रॉसिंग बोर्ड के लिए उपकरण में फीड किया गया है।
लाेकोपायलट साथ ले जाते हैं
यह लोकोमोटिव की गति, दूरी और समय को गंतव्यों तक पहुंचने के लिए प्रदर्शित करता है और लोको पायलट द्वारा ले जाया जाता है। यह उपकरण कोहरे के दौरान लोको पायलटों को अधिक आत्मविश्वास के साथ ट्रेनों को चलाने में मदद करता है। इसके अलावा, धूमिल मौसम के दौरान रात के निरीक्षण सहित अधिकारी और पर्यवेक्षक स्तर पर निरीक्षण, कर्मचारियों के बीच अधिक जागरूकता और सतर्कता फैलाने का भी काम किया जा रहा है।
कुहासा के बारे में लोकोपायलट को देगा जानकारी यह डिवाइस
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