
सन्मार्ग संवाददाता
काेलकाता : 3 महीने की छूट दिये जाने के बाद आज यानी रविवार 17 जुलाई को बसों के सीएफ (सर्टिफिकेट ऑफ फिटनेस) की मियाद समाप्त हो जायेगी। ऐसे में शनिवार को छुट्टी के दिन भी सीएफ करवाने वाले कार्यालय खुले रहें और दोपहर डेढ़ बजे तक काम हुआ। वहीं राज्य के परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा है कि सरकारी व निजी बसों सबकाे ही बीमा व सीएफ कराना बाध्यतामूलक किया जा रहा है। ऐसा नहीं होने पर सड़कों पर बसें नहीं उतारी जा सकेंगी। इसके लिए परिवहन सचिव को बोल दिया गया है। सभी को निर्देशिका मानते हुए चलना होगा। लालबाजार में ट्रैफिक से भी बात हुई है, उनका सहयोग लिया जायेगा। प्रत्येक गाड़ी का बीमा व सीएफ रहना आवश्यक होगा। अगर किसी का सीएफ नहीं हुआ और फिर भी बसों को सड़कों पर उतारा गया तो बसें सीज की जायेंगी।
क्या कहते हैं बस संगठन
सिटी सबअर्बन बस सर्विसेज के टीटो साहा ने कहा, ‘हमारी लगभग 2500 बसें चलती हैं। सभी का सीएफ करवा लिया गया है, किसी का बाकी नहीं है।’ वहीं ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट के महासचिव तपन बनर्जी ने सीएफ में छूट की मियाद की तारीख बढ़ाकर कम से कम दुर्गापूजा तक करने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘लगभग 7,000 बसें कोलकाता में चलती हैं जिनमें लगभग 50% बसों का सीएफ नहीं हो पाया है। काफी बसें लॉकडाउन के समय से बैठ गयी हैं और कई बसें नुकसान में चल रही हैं। इस कारण काफी संख्या में बस मालिक सीएफ नहीं करा पाये हैं, हमें 3 महीने का समय जरूर दिया गया था, लेकिन यह समय काफी कम था। कोलकाता में गैरेज भी काफी कम हो गये हैं, इन सब कारणों से सीएफ करा पाना संभव नहीं हो पाया है।’ ऑल बंगाल बस मिनी बस समन्वय कमेटी के महासचिव राहुल चटर्जी ने कहा कि 3 महीने का समय काफी था। अगर इस समय तक कोई सीएफ नहीं करवा पाया है तो या तो उसका सामर्थ्य नहीं है या फिर उसे करवाना नहीं है। अगर किसी तकनीकी कारण से किसी का सीएफ रुक गया हाे तो वह अलग मामला है। हालांकि अभी तक ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है कि किसी का सीएफ नहीं हुआ है। आगे कुछ पता चलता है तो उसकी स्थिति के अनुसार मामले को देखा जायेगा। अभी तक मियाद बढ़ाने की अपील करने का कोई मतलब नहीं है, लेेकिन आगे कुछ ऐसा हाेता है तो इस पर विचार करेंगे।
सीएफ में दी गयी थी 3 महीने की छूट
यहां उल्लेखनीय है कि गत मई महीने में राज्य सरकार के परिवहन विभाग की ओर से बसों का सीएफ कराने के लिए पेनाल्टी में 3 महीने की छूट दी गयी थी। लॉकडाउन में बसों को हुए नुकसान के बाबत ये निर्णय लिया गया था कि 3 महीने के अंदर सीएफ कराने पर पेनाल्टी नहीं लगेगी। उसकी मियाद आज समाप्त हो रही है।