सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : प्रदेश भाजपा में भले ही दस्तावेजों में मण्डल कमेटी का कार्य काफी हद तक हो गया है, लेकिन जमीनी स्तर पर असलियत यह है कि अब भी लगभग 60% मण्डल कमेटियों का गठन नहीं हो पाया है। इस बीच, आसन्न पंचायत चुनाव को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि पंचायतों के लिए अंचल कमेटी और पालिकाओं के लिए वार्ड कमेटी का गठन किया जायेगा। प्रत्येक कमेटी में 8 से 10 सदस्य रखे जायेंगे और एक कनवेनर व 2 से 3 कनवेनरों की नियुक्ति भी की जायेगी। भाजपा सूत्रों का कहना है कि कुल 6,000 कमेटियों का गठन इसके लिए करना होगा और 60,000 सदस्यों की आवश्यकता होगी। ऐसे में भाजपा के ही कुछ नेताओं का कहना है कि एक तरफ जहां लोग पार्टी छोड़ रहे हैं, विक्षुब्धों की अलग लॉबी बन गयी है, असंतोष जारी है, इन सबके बीच इस तरह कमेटियों की गठन की बात वास्तविकता से कोसों दूर है। भाजपा नेताओं का मानना है कि ऐसा कर केवल दस्तावेजों के आधार पर मौजूदा भाजपा नेता केंद्रीय नेतृत्व को यह बताना चाहते हैं कि वे काफी कुछ कर रहे हैं, लेकिन असलियत से इसका कोई लेना-देना नहीं रहेगा क्योंकि पार्टी में अभी झण्डा थामने वाले भी काफी कम रह गये हैं। यहां उल्लेखनीय है कि भाजपा के मण्डलों की संख्या 1200 से अधिक है और राज्य में 14,000 से अधिक बूथ हैं। ऐसे में देखना यह है कि अंचल व मण्डल कमेटियों के गठन की बात को भाजपा कितना वास्तविक रूप दे पायेगी।
अंचल कमेटियों का गठन कहीं उल्टा न पड़ जाये भाजपा को
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