पिछले दिनों हुई हिंसा के मामले में हाई कोर्ट का आदेश
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : पिछले दिनों हुई हिंसा की घटनाओं को लेकर दायर पीआईएल के मामले में हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस राजर्षि भारद्वाज के डिविजन बेंच ने वृहस्पतिवार को अपना फैसला सुना दिया। इसमें कहा गया है कि स्थिति बेकाबू होने से पहले ही सेंट्रल फोर्स तलब करें। इस लिहाज से पहले से ही जमीनी हकीकत का आकलन किया जाए। डिविजन बेंच ने मुआवजे के मामले में भी अपने नजरिये का खुलासा किया है।
इसके साथ ही चीफ जस्टिस के बेंच ने उम्मीद जतायी है कि राज्य सरकार वे सारे कदम उठाएगी जिससे यह सुनिश्चित हो कि भविष्य में इस तरह की घटना नहीं घटेगी। इसके साथ ही कहा है कि संबंधित महकमा वीडियो फुटेज संग्रह कर के दंगाइयों की पहचान करे ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। इन पीआईएल में जतायी गई आशंका के मामले में डिविजन बेंच ने कहा है इस तरह के मामले में सेंट्रल फोर्स को पहले ही बुला लेना चाहिए। सरकार को किसी तरह की घटना के घटने का इंतजार नहीं करना चाहिए।आगजनी और हंगामे के कारण सरकारी और निजी संपत्ति को पहुंचे नुकसान के मुआवजे के बाबत भी डिविजन बेंच ने अपना नजरिया साफ किया है। इसमें कहा गया है कि इस तरह के मामलों में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा कायम किया जा सकता है। इसके अलावा वेस्ट बंगाल बंगाल मेंटेनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर एक्ट 1972 के तहत भी मुआवजे के लिए कार्रवाई की जा सकती है। इस दिशा में सरकार को तेजी से कार्रवाई करने को कहा गया है। फैसले में कहा गया है कि एडवोकेट जनरल एस एन मुखर्जी ने बताया है कि राज्य सरकार हंगामा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों से वीडियो फुटेज का संग्ह किया जा रहा है। इस फैसले में कहा गया है कि संपत्ति को हुए नुकसान के मामले में सामूहिक जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
स्थिति बेकाबू होने से पहले तलब करें सेंट्रल फोर्स
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