
टीचरों के 21694 पद क्यों नहीं भरे गए शिक्षा सचिव जवाब दें
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : हाई कोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने अपने एक आदेश में कहा है कि हाई कोर्ट को सियासत में नहीं खींचे, बर्ना कोर्ट सख्त कार्रवाई करने पर मजबूर हो जाएगा। जस्टिस गंगोपाध्याय ने शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को आदेश दिया था कि वे एक रिपोर्ट दाखिल कर के बताए कि शिक्षा विभाग में टीचरों के कितने पद खाली हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक टीचरों के 21694 पद खाली हैं। शिक्षा सचिव को आदेश दिया है कि एफिडेविट देकर बताएं कि ये पद क्यों नहीं भरे गए।
एडवोकेट सुदीप्त दासगुप्त ने यह जानकारी देते हुए बताया कि जस्टिस गंगोपाध्याय ने 25 जुलाई को यह आदेश दिया था। उन्होंंने कहा था कि अति महत्वपूर्ण और महत्वपूर्ण लोग कहते रहे हैं कि प्राइमरी टीचरों के 18 हजार पदों पर कोर्ट की दखलंदाजी के कारण नियुक्ति नहीं हो पा रही है। दूसरी तरफ कोर्ट में शुक्रवार को पेश रिपोर्ट के मुताबिक प्राइमरी में टीचरों का कोई पद खाली नहीं है। इधर इस साल जून तक 3936 खाली पदों का सृजन हुआ है। इसके अलावा इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कक्षा नौ और दस में 13,842 टीचरों के पद खाली हैं। कक्षा ग्यारह और बारह में 5527 पद टीचरों के खाली हैं। इसके अलावा हेडमास्टर के पद पर 2325 रिक्तियां हैं। इस तरह कुल 21694 पद खाली हैं और इन पर नियुक्ति के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है। दूसरी तरफ अति महत्वपूर्ण और महत्वपूर्ण लोग मीडिया और चैनलों पर बयान दे रहे हैं कि कोर्ट के रोड़ा अटकाने के कारण प्राइमरी के 18 हजार टीचरों के पद पर नियुक्तियां नहीं हो पा रही हैं। जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा है कि ये लोग बयान जारी करने के मामले में सावधानी बरते। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका इसे बर्दास्त नहीं करेगी।