
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : प्रदेश भाजपा में चल रही उठापटक के बीच साेमवार को सिलीगुड़ी के भाजपा विधायक शंकर घोष ने ह्वाट्स ऐप ग्रुप छोड़ दिया है। इसे लेकर राजनीतिक चर्चा तेेज हो गयी है। सवाल उठने लगे हैं कि क्या भाजपा में विद्रोह की आंच तेज हो गयी है। हालांकि शंकर घोष का कहना है कि ये ह्वाट्स ऐप ग्रुप अधिक एक्टिव नहीं था जिस कारण उन्होंने ये ग्रुप छोड़ा है। यहां उल्लेखनीय है कि अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत से शंकर घोष वाममोर्चा से जुड़े हैं। वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले वह भाजपा में शामिल हो गये थे। अपने राजनीतिक गुरु अशोक भट्टाचार्य के खिलाफ चुनाव लड़कर उन्होंने जीत हासिल की थी। हालांकि सिलीगुड़ी नगर निगम के चुनाव में अपने ही वार्ड में शंकर घोष को हार का सामना करना पड़ा था। उन्हें प्रदेश भाजपा का सचिव बनाया गया था, लेकिन भाजपा के सभी जिलों व राज्यों के पर्यवेक्षकों को लेकर तैयार ह्वाट्स ऐप ग्रुप छोड़ने के कारण पार्टी के साथ ही समूचे राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गयी। यहां उल्लेखनीय है कि 2 उपचुनावों में हार के बाद प्रदेश भाजपा में काफी असंतोष का माहौल है। भाजपा के जिला व राज्य नेतृत्व के कई लोगों ने इस्तीफा दे दिया है। इन सबके बीच ही शंकर घोष ने ह्वाट्स ऐप ग्रुप छोड़ दिया है। इस संबंध में शंकर घोष ने सन्मार्ग से कहा, ‘2021 के पहले चुनाव में कई ह्वाट्स ऐप ग्रुप बने थे। काफी ग्रुप निष्क्रिय हो जाते हैं जिनसे मैं समय-समय पर लेफ्ट हो जाता हूं। ये भी नॉन फंक्शनल ग्रुप था जिस कारण इससे मैं लेफ्ट हुआ। इससे राजनीति का कोई लेना-देना नहीं है।’