एक्सपर्ट ने जागरूक रहने की दी सलाह
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाताः कोविड काल के बीच अचानक बच्चों में डेंगू के साथ स्क्रब टाइफस के मामले सामने आए हैं। इससे डॉक्टर्स की चिंता बढ़ गई है। डॉ.राजेश कुमार सिंह, बाल रोग विशेषज्ञ, फोर्टिस हॉस्पिटल कोलकाता ने कहा कि मानसून वह समय है, जब बच्चों में डेंगू के मामले बढ़ जाते हैं और स्क्रब टाइफस भारत के कई हिस्सों में स्थानिक है। 4-5 दिनों की अवधि के दौरान तेज बुखार वाले बच्चों में मल्टी इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के साथ-साथ इन दोनों पर विचार करने के लिए महत्वपूर्ण शर्तें हैं। कभी-कभी उनमें से दो सह-अस्तित्व में हो सकते हैं और बच्चे को प्रत्येक के लिए उपचार की आवश्यकता हो सकती है।
3 साल के बच्चे को नवजीवन
पेडियाट्रिशियन डॉ. सुमंत भट्टाचार्य के अंतर्गत एक 3 साल के बच्चे को मिदनापुर के कांथी से लाया गया था। बच्चे का ज्वर कम होने का नाम नहीं ले रहा था। जांच के बाद उसमें डेंगू व स्क्रब टाइफस दोनों के लक्षण मिले। उसकी अवस्था काफी जटिल हो गई थी। चिकित्सा के बाद वह अब ठीक है।
डॉ. सुमंत भट्टाचार्य ने बताया कि स्क्रब टाइफस संक्रमित माइट ( पिस्सू ) के काटने से होता है। ये झाड़ियों, खेतों, घास और घर में रहने वाले चूहों और पिस्सू के कारण फैलता है। यह जीवाणु चमड़ी के जरिए शरीर में प्रवेश करता है और स्क्रब टाइफस बुखार को पैदा करता है।
बचाव के लिए यह अपनाएं उपाय
-घर के आसपास के इलाके को साफ रखें
-घर से बाहर निकलते समय अपने हाथ-पैरों को ढंक कर रखें
बीमारी के प्रमुख लक्षण
-104 से 105 डिग्री तक ज्वर
-शरीर में कंपकंपी और जोड़ों में तेज दर्द
-शरीर में ऐंठन
-बाजू, हाथ और गर्दन में गिल्टियां होना
बड़ी खबरः राज्य में कोविड के बीच बच्चों में डेंगू के साथ स्क्रब टाइफस
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