
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : आलू की बढ़ती कीमतों का असर अब खानों पर पड़ने लगा है। खासकर बिरयानी का जायका आलू ने बिगाड़ दिया है। अब बिरयानी तो है लेकिन आलू उससे गायब हो गया है। यह आलम छोटे रेस्टोरेंट में है जहां आलू की महंगाई का असर सबसे अधिक देखने को मिल रहा है। पश्चिम बंग प्रगतिशील आलू व्यवसायी समिति के चेयरमैन लालू मुखोपाध्याय ने बताया कि खुदरा बाजार में आलू के दाम नहीं कम हुए हैं। ऐसा लग रहा है कि दाम आने वाले समय में भी कम नहीं होने वाले हैं।
आलू व्यवसायियों की माने तो थोक बाजार में आलू की कीमत कम की गयी है मगर खुदरा आलू की कीमतों में किसी तरह का दाम कम नहीं किया गया है।
ज्योति आलू जहां प्रति किलो 30 से 32 रुपये है वहीं चंद्रमुखी आलू की कीमत प्रति किलो 40 रुपये से अधिक है। व्यवसायियों की माने तो आलू की कीमतों के दाम में कमी नहीं आने वाली है। इनका कहना है कि कोल्ड स्टोरेज में आलू को रखने की अच्छीखासी कीमत चुकानी पड़ती है। उस पर उसका किराया तथा श्रमिकों का खर्च अलग, इन सभी को चुकाने के बाद व्यवसायी अपना मुनाफा भी देख रहे हैं।