
कोलकाता : कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके चोरी गये नोबेल प्राइज को लेकर केंद्र व तत्कालीन वाममोर्चा सरकार पर नाराजगी जतायी। ममता बनर्जी ने कहा कि कवि गुरु का नोबेल प्राइज चोरी होना दुर्भाग्यजनक घटना है। इससे भी शर्मनाक बात इन दस्तावेजों का नहीं मिलना है। चोरी की घटना के लिए सीबीआई जांच बैठायी गयी थी जो अब बंद हो गयी है। बुरा लगता है सोचकर कि कवि गुरु का नोबेल प्राइज चोरी कर ली गयी। यह सिर्फ प्राइज नहीं था बल्कि बंगाल का विश्वमंच पर सम्मान था। ममता ने कहा, “मैं दुखी हूं। कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगोर का नोबेल प्राइज अभी तक भी नहीं मिल पाया है। यह वाम मोर्चा के समय की घटना है। सीबीआई चोरी के मामले की जांच कर रही थी। अब सीबीआई ने शायद जांच बंद कर दी है। यह इतनी बड़ी घटना थी। नोबेल पुरस्कार की चोरी होना हमारा अपमान है। मुझे नहीं पता कि कोई सबूत है या नहीं, हमें पहले मिला और किसी ने हमसे ले लिया? लेकिन साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा, “अगर नोबेल पुरस्कार खो गया है तो भी रवींद्रनाथ को भुलाया नहीं जा सकता है। सभी के दिल में नोबेल पुरस्कार है।”
मालूम हो कि रवींद्रनाथ टैगोर की काव्यरचना गीतांजलि के लिए उन्हें 1913 में साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, यह पुरस्कार विश्व भारती विश्वविद्यालय में रखा गया था, जो साल 2004 में शांति निकेतन से चोरी हो गया। इस मामले को तब सीबीआई को सौंपा गया था और इसे 2007 में बंद कर दिया गया। साल 2008 में सीबीआई ने मामले की जांच दोबारा शुरू की जो 2009 में फिर बंद कर दी गयी।