– कोविडकाल में स्वच्छता बनाए रखना निगम के लिए रही बड़ी चुनौती
– सेवा शिविरों में हर दिन डटे रहे सफाई कर्मी
कोलकाताः सब तीर्थ बार-बार गंगासागर एक बार। लेकिन इस बार गंगासागर मेला वास्तव में प्रशासन से लेकर स्वयंसेवी संगठनों के लिए बड़ी चुनौती थी। इसकी वजह है कि लगातार कोविड के मामले सामने आ रहे थे। ऐसे में मामला कलकत्ता हाईकोर्ट में चला गया था। सागर से लेकर आउट्राम घाट पर स्वच्छता अभियान को बनाए रखना प्रशासन से लेकर कोलकाता नगर निगम के लिए बड़ी चुनौती थी। गंगासागर मेले के दौरान शहर से लेकर सागर तक सफाई व्यवस्था की सभी ने सराहना की। अब मेले के के बाद सेवा शिविर भी हटने लगे हैं। ज्यादातर सेवा शिविर के तंबू उखाड़े जा चुके हैं। इसके बाद बारी है यहां के साफ-सफाई की।
गंदगी को साफ करने की चुनौती
ऐसे में कोलकाता नगर निगम के सामने गंदगी को साफ करने की चुनौती है। इसके लिए रविवार से ही कोलकाता नगर निगम के साथ स्वयंसेवी संगठनों ने एक साथ मिलकर सफाई अभियान चलाया। कोलकाता नगर निगम के कर्मचारियों ने आउट्राम घाट के हर तरफ विशेष सफाई अभियान चलाया। निगम के सफाई कर्मियों की ओर से ईडन गार्डन्स के सामने सड़क और मैदान की भी सफाई की गई।
सैनिटाइजेशन अभियान भी
कोविडकाल में कोविड के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए विशेष कवायद प्रशासन ने की थी। आउट्राम घाट के कई जगहों पर विशेष सैनिटाजर टनल भी लगे थे। सफाई अभियान के बाद यहां विशेष सैनिटाइजेशन अभियान भी चलाया गया।
बिखरे पड़े थे जूठे पत्तल
मेले के बाद आउट्राम घाट के मेला परिसर में भारी गंदगी का अंबार लगा था। जगह-जगह कचरे के ढेर, पानी के प्लास्टिक के ढेर, जूठे पत्तल, डिस्पोजल बिखरे पड़े थे। निगम के कर्मचारियों ने वाहनों के माध्यम से कचरे का ढेर हटाया।
जहां शनिवार तक थे लाखों श्रद्धालु, वहां पसरा सन्नाटा
मेला परिसर में जहां शनिवार तक गंगासागर स्नान के बाद जो लोग आकर ठहरे थे उनमें से ज्यादातर पुण्यार्थी ही अब अपने गंतव्य स्थल की ओर रवाना हो चुके हैं। रविवार को आउट्राम घाट का नजारा बिल्कुल अलग था। यहां लगातार 10 दिनों तक लोगों की चहल-पहल थी। वहीं रविवार को यहां सन्नाटा सा पसरा नजर आया। जिन स्थानों पर सेवा-शिविर लगाये गये थे, वहां रविवार को निगम और सेवा-संस्थाओं की ओर से सफाई अभियान चलाया गया।
पुण्यार्थी लौटे घरों की ओर, शिविर हटे, आउट्राम घाट पर सफाई अभियान शुरू
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