दक्षिण कोलकाता के नर्सिंग होम पैकेज पर ले रहे हैं कोरोना मरीजों को
कोलकाता : कोरोना के कारण राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था अब धीरे-धीरे चरमरा रही है। अस्पतालों में बेड नहीं होने के कारण और बीमारी की भयावहता को देखते हुए मरीज के परिजन किसी भी कीमत पर कोरोना पॉजिटिव अपनों को जल्द से जल्द अस्पताल में भर्ती करवाना चाहते हैं। ऐसे में कई बार उन्हें इन अस्पतालों के मनमाने नियम-कानून मानने होते हैं। दक्षिण कोलकाता के एक नर्सिंग होम ने अपना ही नियम बना डाला है। यहां पर एडमिट करते वक्त मरीज के परिजनों से कह दिया जाता है कि वे मरीज को 10 दिन रखेंगे और वह पैकेज के तहत होगा यानी 1.10 लाख रुपये इसके लिए लगेंगे और जो दवाई तथा टेस्ट वगैरह का खर्चा अलग से। सूत्र बताते हैं कि ऐसे में भी लोग इलाज करवाने के लिए भर्ती हो रहे हैं। हावड़ा के एक नर्सिंग होम ने तो हद ही कर दी, 12 घंटे से भी कम के लिए भर्ती किये गये मरीज का बिल 70 हजार से अधिक का बना दिया। हालांकि उक्त मरीज को बचाया नहीं जा सका। शहर में कोरोना मरीजों की संख्या के हिसाब से आईसीयू, वेंटिलेटर बेड उपलब्ध नहीं हैं। जो बेड हैं वह मरीजों से भरे हुए हैं। मरीजों की हालत लगातार बिगड़ रही है और ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है जो होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे थे। अब उनमें आक्सीजन का स्तर कम हो रहा है। ऐसे में मरीजों को उनके परिजन अस्पताल में भर्ती कराना चाह रहे हैं लेकिन जब अस्पतालों में संपर्क किया जा रहा है तो अस्पताल की तरफ से यह नहीं कहा जा रहा है कि बेड नहीं है, बल्कि कुछ प्राइवेट अस्पतालों का एक नया ड्रामा शुरू हो गया है और कहा जा रहा है कि आक्सीजन नहीं है इसलिए मरीज भर्ती नहीं किए जा रहे।
वेटिंग लिस्ट में रखे जा रहे हैं मरीज
जैसे की आउट डोर में मरीजों को वेटिंग लिस्ट में रखा जाता था, वैसे ही कोरोना में भी बेड के लिए मरीजों को अपना नम्बर आने का इंतजार करना पड़ रहा है। अगर कोई इमरजेंसी हो जाए तो भी मरीज या तो एम्बुलेंस में या सड़क पर या घर पर मरने को मजबूर है। राज्य सरकार लगातार बेडों की संख्या बढ़ा रही है तथा नये-नये उपाय निकाले जा रहे हैं लेकिन जिस तेजी से कोरोना ने अपना वार किया है, उस लेवल का इंतजाम नहीं हो पा रहा है। इन दिनों लगातार कोरोना पॉजिटिवों की संख्या बढ़ रही है, संक्रमित लोग मर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर अब डिस्चार्ज रेट भी घटता जा रहा है।
कोरोना से मरीज त्रस्त, नर्सिंग होम्स बिल बनाने में व्यस्त
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