‘भवानीपुर में हार समझ चुकी हैं, इसलिए नंदीग्राम को चुना’
कोलकाता : अपने विधानसभा केंद्र भवानीपुर में हारेंगी, इस कारण पूर्व मिदनापुर के नंदीग्राम से भी लड़ने की घोषणा ममता बनर्जी ने की है। सोमवार की दोपहर नंदीग्राम के तेखाली की जनसभा में ममता की घोषणा को लेकर विपक्ष की ओर से कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया जताया गयी है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘ममताजी यह समझ चुकी हैं कि वह भवानीपुर से हारने वाली हैं। हालांकि नंदीग्राम की जनता भी उन्हें सबक सिखायेगी। जिन अधिकारियों ने नंदीग्राम के लोगों पर गोलियां चलायीं, उन्हें जेल में डालने के बजाय सरकारी सुविधा दी जा रही है, यह बात नंदीग्राम की जनता नहीं भूलने वाली है। नंदीग्राम के लोगों के साथ धोखे का जवाब यहां की जनता देगी।’ वहीं बंगाल के भाजपा के सह प्रभारी अमित मालवीय ने ट्वीट किया, ‘10 वर्षों में पहली बार अपनी सीट भवानीपुर से नंदीग्राम में शिफ्ट करना ममता बनर्जी की घबराहट को दिखाता है। क्या वह यह बतायेंगी कि नंदीग्राम में किसानाें पर गोलियां चलाने वाले आईपीएस सत्यजीत बंद्योपाध्याय जिनके खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट भी दायर की है, क्यों उन्हें तृणमूल में शामिल कराया गया ?’
विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने दावा किया, ‘भवानीपुर में ममता हारेंगी इसलिए नंदीग्राम से उम्मीदवार बनना चाहती हैं।’ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी और विधानसभा में वाम परिषदीय दल के नेता सुजन चक्रवर्ती का भी यही मत है। उन्होंने कहा, ‘भवानीपुर में ममता की लोकप्रियता कम हो रही है। वहां नहीं जीत पायेंगी, यह सोचकर ही विकल्प सीट की तलाश कर रही हैं।’ मन्नान ने कहा, ‘लोकसभा चुनाव के बाद से ही समझा जा रहा था कि मुख्यमंत्री को अपना केंद्र सुरक्षित नहीं लग रहा है। वह अपने लिए सुरक्षित जगह की तलाश कर रही थीं। ममता बनर्जी को सपने में शुभेंदु अधिकारी का भूत सता रहा है और शुभेंदु के आतंक से आतंकित होकर उन्होंने नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।’
नंदीग्राम से ममता के लड़ने की घोषणा पर विपक्ष ने बोला हमला
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