
ईडी के वकीलों ने अदालत को बताया,
अर्पिता के वकीलों का दावा- पार्थ से अर्पिता का कोई संबंध नहीं है
अर्पिता एक दिन की ईडी हिरासत में भेजी गयी
आज ईडी की विशेष अदालत में पेश किए जाएंगे पार्थ चटर्जी और अर्पिता
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : ईडी का मानना है कि अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट से बरामद 21.90 करोड़ रुपये महज प्याज की ऊपरी परत है। बाकी की परत हटाने पर इस पूरे घोटाले के असल मास्टरमाइंड तक पहुंचा जा सकेगा और इसके मनी ट्रेल का पता लगाया जा सकेगा। एसएससी घोटाले में ईडी द्वारा गिरफ्तार अर्पिता मुखर्जी को रविवार को अदालत ने एक दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया। रविवार की दोपहर उन्हें बैंकशाल कोर्ट की न्यायाधीश नम्रता सिंह की अदालत में पेश किया गया। जहां पर दोनों पक्षों की परैवी सुनने के बाद न्यायाधीश ने अपने फैसले को आरक्षित कर दिया। थोड़ी देर बाद उन्होंने अर्पिता को एक दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया। सोमवार को अर्पिता मुखर्जी और मंत्री चटर्जी को ईडी की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। अदालत में ईडी के वकीलों ने अपनी पैरवी के दौरान अर्पिता का परिचय देते हुए साफ तौर पर कहा कि अर्पिता मुखर्जी राज्य के मंत्री पार्थ चटर्जी की शुभचिंतक और बेहद करीबी हैं। डायमंड सिटी के टॉवर 2 में मौजूद अर्पिता के फ्लैट की तलाशी अभियान के दौरान वहां से ईडी अधिकारियों को 21.90 करोड़ रुपये नकद, 74 लाख रुपये के आभूषण व विदेशी मुद्रा और 18 मोबाइल फोन मिले हैं। जहां से रुपये जब्त किए गए वहां पर राज्य के मंत्री पार्थ चटर्जी के विभाग के लिफाफे मिले हैं। अभी तक जो प्राथमिक सबूत मिले हैं उससे साफ है कि अर्पिता और पार्थ के बीच घनिष्ठ संबंध है। यह रुपये कहां से आए थे इसका पता लगाने की जरूरत है। हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई द्वारा शिक्षक नियुक्ति घोटाले को लेकर एफआईआर दर्ज करने के बाद ईडी ने भी पृथक मामला दायर किया है। मामले की जांच के दौरान अर्पिता को पकड़ा गया।
अर्पिता का घर अली बाबा का गुफा जैसा
ईडी के वकील ने अदालत को बताया कि ईडी की टीम ने शुक्रवार को 14 जगहों पर एक साथ छापामरी की। इनमें से पार्थ चटर्जी और अर्पिता के घर ज्यादा संदेहजनक थे। अर्पिता के घर को अली बाबा के गुफा बताते हुए वकील ने कहा कि गुफा में मौजूद बक्शा को खोलने पर वहां से 21.90 करोड़ रुपये आभूषम और विदेशी मुद्रा मिले हैं। इसके अलावा पार्थ के घर से 14 डीड के फोटो कॉपी और अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं। ऐसे में अर्पिता के पास रुपये कहां से आए और इसका श्रोत क्या, इसके बारे में पता लगाने के लिए अर्पिता को हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है। वहीं अर्पिता की तरफ पैरवी कर रहे वकील निलाद्री भट्टाचार्य ने कहा कि यह एक दस्तावेज आधारित जांच है। रिकवरी पूरी हो गयी है। ऐसे में मेरे क्लाइंट को जमानत दी जाए। उन्होंने अदालत को कहा कि इस मामले में एक दिन की हिरासत की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि अर्पिता का मंत्री पार्थ चटर्जी से कोई संबंध नहीं है और न ही वह उनकी कोई करीबी है। अर्पिता तो जेल नहीं बल्कि बेल मिलना चाहिए।