
कोलकाता : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष और भाजपा सांसद सौमित्र खां के बीच एक बार फिर जोनल पर्यवेक्षकों की नियुक्ति को लेकर विवाद हुआ। पार्टी सूत्रों ने बताया कि सौमित्र द्वारा तय किये गये जोनल पर्यवेक्षकों की सूची फिलहाल दिलीप घोष ने खारिज कर दी है। ऐसे में ये सवाल उठने लगे कि क्या इस बार भी सौमित्र खां ने पार्टी नेतृत्व के विरोध में जाकर पर्यवेक्षकों की सूची तैयार की ?
इसे लेकर पार्टी नेतृत्व में चर्चाओं का बाजार भी गर्म हो गया। हालांकि इस संबंध में प्रदेश भाजपा के महासचिव सायंतन बसु ने सभी तरह की अटकलों को खारिज करते हुए सन्मार्ग को बताया, ‘पार्टी में किसी तरह का मतविरोध नहीं है। फिलहाल पर्यवेक्षकों की नियुक्ति स्थगित की जा रही है। 7 दिसम्बर को सिलीगुड़ी में उत्तर कन्या अभियान के बाद ही जोनल पर्यवेक्षकों की घोषणा की जाएगी।’ हालांकि भाजपा सूत्रों का इस बारे में कहना है कि सौमित्र की हर पसंद पर मुहर नहीं लग रही है, ये बात भी सोमवार की रात को स्पष्ट हो गयी।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, कोलकाता जोन के पर्यवेक्षक के तौर पर सौमित्र ने राजू सरकार को नियुक्त किया था जबकि इसे स्थगित कर कोलकाता जोन का जिम्मा फिलहाल शंकुदेव पाण्डा को दिया गया है। बाकी के जोन की जिम्मेदारी भले ही किसी को नहीं दी गयी है, लेकिन कोलकाता जोन में सौमित्र की पसंद को दरकिनार कर जिस तरह शंकु को लाया गया, उससे ये बात स्पष्ट है कि सौमित्र की पसंद को अधिक महत्व नहीं दिया जा रहा है।