कोलकाता : अब शुभेंदु अधिकारी ने विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया है। यानी कि अब वह पूरी तरह तृणमूल से अपना नाता तोड़ने की राह पर हैं। भाजपा के सूत्र बताते हैं कि शुभेंदु के अलावा पार्टी के कई और नेता शुभेंदु की राह पर चलने को तैयार हैं। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने इस बारे में कहा, ‘ये तो केवल झांकी है, पूरी कहानी अभी बाकी है।’ शुभेंदु के इस्तीफे के बाद बर्दवान पूर्व के सांसद सुनील मण्डल और आसनसोल नगर निगम के प्रशासक जितेंद्र तिवारी भी शुभेंदु अधिकारी के समर्थन में सामने आ चुके हैं और उनकी शिकायतों पर ध्यान ना देने का आरोप पार्टी नेतृत्व पर भी लगा डाला है।
सुनील मण्डल शुभेंदु के समर्थन में
बर्दवान पूर्व के दो बार के लोकसभा सांसद सुनील मण्डल बुधवार की सुबह शुभेंदु अधिकारी के समर्थन में आएं और आपसी लड़ाई और गुटबाजी पर नियंत्रण नहीं करने के लिए पार्टी नेतृत्व की आलोचना की। सुनील मण्डल ने कहा, ‘शुभेंदु अधिकारी अच्छे नेता हैं और उनका जनाधार भी है। शुभेंदु के पार्टी छोड़ने से काफी बुरा प्रभाव पड़ेगा। पार्टी में काफी समस्याएं हैं जिन पर नेतृत्व ध्यान नहीं दे पाया।’ शुभेंदु के इस्तीफे के बाद एक ओर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जितेंद्र तिवारी को फोन किया तो दूसरी ओर सांसद सुनील मण्डल के घर पर शुभेंदु अधिकारी पहुंचे।
तमांग भी छलांग लगाने की तैयारी में
दक्षिण बंगाल के साथ ही उत्तर बंगाल में पहाड़ के नेता विनय तमांग भी छलांग लगाने की तैयारी में हैं। सूत्र बताते हैं कि बुधवार को साल्टलेक में वह कैलाश विजयवर्गीय के साथ बैठक करने वाले थे, लेकिन किसी कारणवश यह बैठक नहीं हो पायी। अब देखना यह है कि तमांग को लेकर भाजपा का क्या रुख होता है, लेकिन इतना तो स्पष्ट है कि शुभेंदु के इस्तीफे के बाद विधानसभा चुनाव में गहरा असर पड़ेगा।