मालीपांचघड़ा में जहरीली शराबकांड के बाद 3 पुलिस कर्मी सस्पेंड, 6 गिरफ्तार
थाना के प्रभारी पर भी गिर सकती है गाज, किसी आरोपी को बख्शा नहीं जायेगा : सीपी
सन्मार्ग संवाददाता
हावड़ा : मालीपांचघड़ा थानांतर्गत गजानंद बस्ती इलाके में जहरीली शराब से हुई 12 लोगों की मौत के बाद पुलिस काफी सख्त नजर आ रही है। हावड़ा के सीपी प्रवीण त्रिपाठी खुद इस मामले की जांच में जुटे हैं। इस घटना में सीपी ने अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया है और 3 पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस घटना में थाना प्रभारी पर भी गाज गिर सकती है। दरअसल इस कांड में पुलिस को जांच में पता चला कि यह कहानी अवैध शराब से अधिक प्रॉफिट कमाने की थी। ये लोग देशी शराब में पानी मिलाकर उसमें नशा तेज करने के लिए ह्यूमन यूज्ड स्प्रिट मिलाते थे मगर इस बार नॉन ह्यूमन यूज्ड स्प्रिट मिलायी गयी और 12 लोगों की मौत हो गयी तथा कई इलाजरत हैं।
एक कड़ी से पुलिस ने खोली सारीं कड़ियां
इस मामले में गिरफ्तार प्रताप ने बताया कि वह सूरज महतो उर्फ भंटा जो माधवबाबू लेन का रहनेवाला है, उससे स्प्रिट खरीदता था। सूरज यह स्प्रिट पर्णश्री में रहनेवाले रामजी साव से खरीदता था। रामजी अवैध स्प्रिट की बिक्री करीब 10 सालों से करता है। वह महेशतल्ला, झींझराबाजार, बेहला व हावड़ा में इसकी ब्रिकी करता था। रामजी निमाई विश्वास से स्प्रिट खरीदता था जो नदिया के चाकदह का रहनेवाला है। निमाई स्प्रिट की खरीदारी समीर दे नामक व्यक्ति से करता था जो कि होम्योपैथी की दुकान में कार्यरत था। वहीं मेटकाफ स्ट्रीट में एक लाइसेंसी शराब की दुकान में कार्यरत था धनेश्वर गुस्ती उर्फ धनिया से समीर स्प्रिट खरीदता था। इसके बाद यह कड़ियां जुड़ीं। ।
सस्ते दामों पर स्प्रिट खरीदकर मिलाया गया था शराब में
प्रताप ने पुलिस को बताया कि वे लोग शराब में प्रॉफिट कमाने के लिए स्प्रिट मिलाना शुरू किया। अब इस मामले में गिरफ्तार धनिया ने कहा कि उसे यह नहीं पता था कि ये लोग स्प्रिट का क्या करेंगे। उन्होंने स्प्रिट मांगा और उसने कन्फ्यूजन में नॉन ह्यूमन यूज्ड स्प्रिट समीर को दे दिया। उसने 15 तारीख को समीर को 40 लीटर स्प्रिट दे दिया था। सीपी के अनुसार स्प्रिट दो प्रकार के होते हैं, एक ह्यूमन यूज्ड और दूसरा नॉन ह्यूमन यूज्ड। शराब कांड में नॉन ह्यूमन यूज्ड स्प्रिट मिलायी गयी थी। इस वजह से लोगों की जानें चली गयीं। यह लकड़ी पॉलिश, रंग-रोगन के लिए इस्तेमाल की जाती है। ये लोग देशी शराब में पानी मिलाते थे। इससे उसे नशा कम होता था इसलिए ये लोग ह्यूमन यूज्ड स्प्रिट मिलाते थे। मगर इस बार उन्हें और भी सस्ते स्प्रिट का ऑफर मिल गया था। इसके कारण दूसरे लोगों से डील की गयी और जहरीली स्प्रिट की खरीददारी कर शराब में मिलायी गयी।
झारखंड में भी हो सकता था मालीपांचघड़ा जैसा हादसा
धनिया ने उसी दिन झारखंड के गिरिडीह में भी 800 लीटर स्प्रिट भेजी थी। इसकी जानकारी जब यहां खुद सीपी को हुई तो उन्होंने झारखंड के एसपी से सम्पर्क किया। वहां की पुलिस ने तत्परता से एक अजय साव नामक आदमी को गिरफ्तार किया जिसके पास से 500 लीटर नाॅन ह्यूमन यूज्ड स्प्रिट जब्त की गयी। इससे कई सौ लोगों की जान बच गयी। यहां पर उन्होंने एक ट्रांसपोर्ट के माध्यम से माल भेजा था। उसे शक हुआ था कि इतनी स्प्रिट किस काम के लिए गिरिडीह भेजी जा रही है, इसलिए वह दो दिन तक रुका हुआ था। उसी बीच हमलोगों ने यहां पर गिरफ्तारियां कर ली थीं, इसलिए एक बड़ा हादसा होने से बच गया।
शराबकांड : ज्यादा प्रॉफिट के लिए देशी शराब में मिलायी गयी थी नॉन ह्यूमन यूज्ड स्प्रिट
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