तपती गर्मी से जानवरों का हाल बेहाल, बदला गया डाइट चार्ट
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : महानगर में आग बरसाती धूप से आम लोगों से लेकर जानवरों का हाल बेहाल है। दोपहर के समय सड़क पर निकलने से लोग बच रहे हैं। विभिन्न जगहों पर लोगों और संस्थाओं द्वारा पानी और ओआरएस बांटा जा रहा है। इस बीच तेज गर्मी के कारण अलीपुर चिड़ियाखाना में मौजूद विभिन्न जानवरों का हाल बेहाल है। आलम यह है कि उन्हें स्वस्थ रखने के लिए चिड़ियाखाना प्रबंधन की तरफ से वहां जानवरों के सेल में कृत्रिम बारिश करानी पड़ रही है। यहां तक कि कई जानवरों को ठंडा रखने के लिए उन्हें लस्सी और ओआरएस पिलाया जा रहा है। सुबह से ही तेज धूप के कारण 42 साल के कछुए को दिन में तीन बार स्नान कराया जा रहा है। इधर, ब्राजील और साइबेरिया से आए पक्षियों और विदेशी पाइथन को ठंडा रखने के लिए हाई स्पीड फैन चलाया जा रहा है। बीच-बीच में उनके पिंजरे के अंदर कृत्रिम बारिश भी करायी जा रही है। कुछ इस तरह के तरीके अपनाकर भारी गर्मी के बीच चिड़ियाखाना में मौजूद जानवरों और पक्षियों को स्वस्थ रखने की कोशिश की जा रही है। महानगर में बीते 60 दिनों से बारिश नहीं हुई है। हालांकि अलीपुर मौसम विभाग कार्यालय से महज कुछ मीटर की दूरी पर रोजाना नियमित तौर पर कृत्रिम बारिश करायी जा रही है। अलीपुर चिड़ियाखाना के डायरेक्टर आशिष सामंत ने बताया कि गर्मी से राहत पहुंचाने के लिए पशु-पक्षियों के डाइट चार्ट में बदलाव किया गया है। शिम्पांजी को दिन में 5 बार लस्सी पिलायी जा रही है। भालू का शरीर ठंडा रखने के लिए उसे दूध-चावल खिलाया जा रहा है। बाघ और शेर को रोजाना डेढ़ से 2 किलो कम मांस खिलाया जा रहा है। चिड़ियाखाना के सभी प्राणियों को ओआरएस दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अधिकतर पशु-पक्षी देश व विदेशों से लाए गए हैं। ये लोग वर्षों से अलीपुर चिड़ियाखाना के स्थायी बाशिंदा हैं। कोलकाता की गर्मी से सभी रूबरू हैं। हालांकि इस साल अप्रैल महीने में रिकॉर्ड गर्मी पड़ने से उनका भी हाल बेहाल है। गर्मी से मुकाबला करने के लिए उनके डाइट चार्ट में बदलाव किया गया है। अप्रैल की परिस्थिति को देखकर चिड़ियाखाना प्रबंधन सतर्क हो गया है और अभी से ही मई और जून महीने की गर्मी से निपटने की तैयारी में जुट गया है।
अलीपुर चिड़ियाखाना में जानवरों को दी जा रही है लस्सी और ओआरएस
Visited 443 times, 1 visit(s) today