कोलकाताः आम तौर पर पुलिस के प्रति आम आदमी की धारणा ठीक नहीं होती है। ज्यादातर लोग पुलिस को शोषक और उत्पीड़न करने वाला मानते हैं लेकिन यहां कस्बा में पुलिस ने एक बुजुर्ग के लिए मसीहा बनकर मिसाल पेश की है। दरअसल, कस्बा के 66 वर्षीय बिजॉय मुखर्जी की तबीयत गुरुवार को अचानक बिगड़ गई जिसके बाद उनकी पत्नी ने कई डॉक्टरों से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन सभी ने वहां आकर इलाज करने से इंकार कर दिया। ऐसे में कस्बा थाने के एसआई एक डॉक्टर के साथ पीड़ित के घर पहुंचे और उनका इलाज करवाया। बुजुर्ग व्यक्ति की हालत अत्यंत बिगड़ गई थी।
क्या है मामला?
दरअसल, राजडंगा मेन रोड पर रहने वाले बिजॉय मुखर्जी करीब एक हफ्ते पहले इलाज के बाद अस्पताल से घर लौटे थे। जिसके बाद उन्होंने गुरुवार को कमजोरी की शिकायत की। उनकी हालत बिगड़ते ही जा रही थी। मुखर्जी अपनी पत्नी कुमकुम के साथ रहते हैं और उनका बेटा विदेश में काम करता है। गुरुवार को, उनकी पत्नी ने कुछ डॉक्टरों को कॉल किया और उनसे अपने पति का इलाज करने की गुहार लगाई, लेकिन कोई उनकी मदद को आगे नहीं आया जिसके बाद उन्होंने अपने एक रिश्तेदार को घटना की सूचना देते हुए मदद की गुहार लगाई। रिश्तेदार ने तुरंत मदद की मांग करते हुए कस्बा पुलिस स्टेशन को फोन किया। इसके बाद कस्बा थाना प्रभारी सैकत नेओगी ने तुरंत मामले को संभाला और एसआई गौरव भट्टाचार्य को डॉक्टर के साथ मरीज के घर पहुंचने का निर्देश दिया। भट्टाचार्य ने तुरंत केएस रॉय टीबी अस्पताल के चिकित्सक, जोबन चकमा से संपर्क किया और उन्हें घटना की जानकारी देते हुए थाने पर बुलाया।
एसआई ने कहा…
भट्टाचार्य ने कहा, ‘चकमा ने पिछली कई और घटनाओं में हमारी मदद की थी। जब मैंने उन्हें फोन किया, तो उन्होंने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर जांच करने की बात पर हामी भर दी’। जब चकमा ने पीड़ित का इलाज करना शुरू किया तो उन्होंने देखा कि मरीज कमजोर था और उनके सोडियम पोटेशियम का स्तर असंतुलित हो गया था। दवा देने के बाद मरीज को बेहतर महसूस हुआ। डॉक्टर ने कहा कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्हें जरूरी दवाइयां दे दी गई है जिससे वे बेहतर महसूस करेंगे। चकमा ने कहा ‘मैंने मरीज को असहाय हालत में देखा, उन्हें तत्काल चिकित्सा की जरूरत थी। मैं पुलिस को धन्यवाद देता हूं कि उनके इस नेक कदम के कारण मरीज को राहत मिली और उनकी जिंदगी बच गई है’।
कोलकाताः बीमार बुजुर्ग के लिए पुलिस बनी ‘मसीहा’
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