सिलीगुड़ी: कोरोना के सामने सरकारी स्वास्थ्य परिसेवा लाचार हो गई है। लोगों के मन में डर इतना बढ़ गया है कि मौत के बाद लोग अपनों से भी दूर भाग रहे है। सिलीगुड़ी में परिस्थिती कितनी भयावह है, इसका अंदाजा वायर हो रहे वीडियों से लगाया जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में सामान्य मौत के बाद रोगियों के शव को उठाने वाला कोई नहीं है। एक वार्ड में चार से पांच शव यू ही पड़े है। मौत के बाद घंटों तक शव पड़े रहने के वजह से दुर्गंध निकलने लगा है। जिससे इलाज के लिए आये लोगों को समस्या उठानी पर रही है। इन दिनों ऐसा ही एक वीडियों वाट्सएप पर तेजी से शेयर भी किया जा रहा है। इस वीडियों की सच्चाई क्या है अभी तक पता नहीं चल पाया है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने भी मामले पर कुछ बोलने से साफ मना कर दिया।
कोरोना काल में अच्छी बात ये है कि लोगों का असली चेहरा सामने आ रहा है। सतर्क रहने के बदले लोग आतंकित हो रहे है। कोरोना को लेकर भ्रम फैलाने में सबसे अहम भूमिका सोशल मीडिया निभा रही है। पहल झपके ही भ्रम हजारों लोगों में फैल रहा है। इसी बिच एक वीडियों सामने आया है। दावा किया जा रहा है कि वह वीडियों उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के फीमेल वार्ड का है। वार्ड रोगियों से खचाखच भड़ी हुई है। रोगी के मौत के बाद शव वैसे ही पड़े है। मौत के कई घंटे बाद भी शवों को नहीं हटाया गया। चार से पांच शव वैसे ही पड़े थे। उसमें ही अन्य रोगियों का इलाज चल रहा है। वीडियों में दिखाया जा रहा है कि मौत के बाद शवों को चादर से ढ़क दिया गया है।
वीडियों की सच्चाई को जानने के लिए कई बार उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ संजय मल्लिक से भी फोन पर संपर्क साधने का प्रयास किया गया है। मगर उन्होंने फोन नहीं उठाया। वहीं वीडियों को लेकर दार्जिलिंग जिला के मुख्या स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रलय आचार्य से बात करने पर उन्होंने बताया कि अभी तक वीडियों को उन्होंने नहीं देखा है लेकिन इस बारे में सुना जरूर है। बिना वीडियो देखे उन्होंने मामले पर कुछ बोलने से अपना पल्ला झाड़ लिया।
घुटने टेकती स्वास्थ्य परिसेवा, मेडिकल कॉलेज में मौत के बाद शवों को उठाने वाला कोई नहीं!
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