कोलकाता : दुर्गापूजा खत्म होने के साथ ही मूर्तियों का विसर्जन शुरू हो गया था। सोमवार को विजया दशमी के दिन से शुरू हुए प्रतिमा विसर्जन की प्रक्रिया बुधवार को समाप्त हो गई। प्रतिमा विसर्जन के आखिरी दिन तक लगभग 3500 से अधिक मूर्तियों का विसर्जन किया गया। कोलकाता नगर निगम का विशेष फोकस ग्वालियर, बाबूघाट और निमतला घाट पर बना रहा। इसके साथ ही घाटों को भी कुछ समय के अंतराल पर सैनेटाइज किया जा रहा था।
घाटों की सफाई निगम के लिये काफी चुनौतीपूर्ण थी : देवव्रत मजूमदार
इधर, कोलकाता नगर निगम विसर्जन के बाद घाटों की सफाई को लेकर काफी तत्पर दिख रहा था। मूर्तियों के विसर्जन के साथ ही क्रेन की सहायता से मूर्तियों के अवशेष को हटाने का काम किया गया। इसके साथ ही तुरंत घाटों की सफाई भी कर दी जा रही थी। कोलकाता नगर निगम की ओर से विसर्जन को लेकर पूरी तैयारियां की गई थी। प्रशासक दल के सदस्य देवव्रत मजूमदार ने बताया कि आखिरी दिन होने की वजह से अधिक संख्या में मूर्तियों के विसर्जन किया गया। मूर्ति विसर्जन के दौरान घाटों की सफाई निगम के लिये काफी चुनौतीपूर्ण थी।
विसर्जन के आखिरी दिन तक 3500 से अधिक मूर्तियों का हुआ विसर्जन
विसर्जन के आखिरी दिन लगभग 3500 से अधिक मूर्तियों का विसर्जन किया गया। वही मंगलवार तक लगभग 1800 से अधिक मूर्तियों का विसर्जन किया गया था। कोलकाता पुलिस व निगम कर्मी को लगातार घाटों पर निगरानी रखने के साथ ही सतर्कता के साथ अपना कार्य करते नजर आये।
घाटों की सफाई को लेकर निगम की व्यवस्थाएं
कोलकाता नगर निगम की ओर से घाटों की सफाई को लेकर कई व्यवस्थाएं की गई थी।
– अतिरिक्त संख्या में सफाई कर्मी किये गये नियुक्त
– अतिरिक्त बिन की व्यवस्था
– घाटों पर जेसीबी क्रेन, ट्राली की व्यवस्था की गयी है। निगम के कचरा प्रबंधन विभाग की ओर से प्रत्येक घाट के लिये 5 सदस्यों की एक टीम बनाई गई है जो प्रत्येक घाट पर निगरानी करेगी ताकि घाट पर गंदगी ना फैले।
– कोलकाता नगर निगम की ओर से कुछ घंटों की अंतराल पर घाटों को सैनिटाइज करने का कार्य किया जा रहा था।