सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य के 25 विश्वविद्यालयों में कुलाधिपति की मंजूरी के बिना कुलपतियों की नियुक्ति किये जाने पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए शनिवार को कहा कि यह शासक का कानून है, न कि कानून का शासन है। राज्यपाल धनखड़ ने अपने ट्वीट में कहा, ‘शिक्षा की घेराबंदी। शासक का कानून, कानून का शासन नहीं। ममता सरकार ने 25 विश्वविद्यालयों के लिए कुलपतियों की बिना कुलाधिपति की मंजूरी के नियुक्ति दी।’ उन्होंने आगे कहा कि कलकत्ता विश्वविद्यालय की कुलपति सोनाली चक्रवर्ती को बिना किसी चयन के पूरे चार साल का दूसरा कार्यकाल मिला है। गत 17 अगस्त को मुख्यमंत्री को लिखे पत्र का अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। राज्यपाल ने ट्वीट किया, ‘ममता बनर्जी द्वारा सीयू की वीसी सोनाली चक्रवर्ती को 4 वर्षों के लिए दूसरे कार्यकाल में नियुक्त करने के निर्देश को वापस लेना होगा। गत 16 सितम्बर को ही इस संबंध में कुलाधिपति द्वारा निर्देश दिया गया था, लेकिन राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु का कोई जवाब नहीं आया।’
तृणमूल सांसद ने की राज्यपाल की आलोचना
राज्यपाल के ट्वीट को लेकर तृणमूल सांसद सौगत राय ने इसकी आलोचना की है। सौगत राय ने कहा, ‘इस तरह के ट्वीट कर अपने सांवैधानिक पद के प्रति सम्माननीय राज्यपाल न्याय नहीं कर रहे हैं। वह राज्य सरकार के कार्यों में हस्तक्षेप कर रहे हैं।’
बंगाल में 25 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति अवैध : धनखड़
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