25 से 1 जनवरी तक चलेगा
जो वाकई गाते हैं वे शामिल हों कार्यक्रम में, सिफारिश लेकर नहीं आए कोई
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : बंगाल की संस्कृति का कोई जवाब नहीं है। यहां की संस्कृति नेे न केवल देश भर में बल्कि दुनिया भर में अपना लोहा मनवाया है। राज्य सरकार लोक शिल्पी और कलाकारों को प्रोत्साहन के लिए तथा बंगाल की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है। अन्य सालों की तरह इस साल भी राज्य सरकार की तरफ से बांग्ला संस्कृति मेला और विश्वबांग्ला लोक संस्कृति उत्सव 2021 का आयोजन किया जा रहा है। गुरुवार को रवींद्र सदन से सूचना व संस्कृति विभाग के राज्य मंत्री इंद्रनील सेन ने इसका उद्घाटन किया। सूचना व संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम 25 दिसंबर से 1 जनवरी तक चलेगा। रवींद्र सदन के अलावा कोलकाता के 11 अलग – अलग मचों पर ये आयोजन होंगे जहां कलाकार अपनी प्रतिभा का हुनर सबके सामने पेश कर सकेंगे। शाम 5 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। मंत्री ने संवाददाताओं काे संबोधित करते हुए कहा कि 5 हजार से अधिक संगीत कलाकार व अन्य कलाकार इन कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। विभिन्न संगीत प्रतियोगिता व कार्यशालाओं में नये कलाकारों को अपनी प्रतिभा काे सामने लाने का भी मौका दिया जायेगा। वहीं विश्व बांग्ला लोक संस्कृति उत्सव में बंगाल के सभी जिलों से कलाकारों को यहां आने का आह्वान किया है। साथ ही मंत्री ने यह भी कहा है कि यहां पर किसी तरह की सिफारिश नहीं चलेगी। जो वाकई अच्छा गाते हैं, वे आयें। यहां पर प्रतिभाओं को सम्मान मिलेगा। मंत्री ने कहा कि 2011 से लोक कलाकारों काे बढ़ावा देने के लिए ये कार्यक्रम हो रहे हैं।
इन 11 मंचों में होंगे आयोजन
रवींद्र सदन, शिशिर मंच, रवींद्र ओकाकुरा भवन, फणिभूषण विद्याविनोद यात्रा मंच, हेदुआ पार्क, मधुसुदन मुक्त मंच, एकतारा मुक्त मंच, देशप्रिय पार्क, राज्य संगीत अकादमी मुक्तमंच, बाड़िसा क्लब मैदान एवं चारूकला पर्षद संलग्न मुक्त मंच।
बांग्ला संस्कृति मेला और विश्वबांग्ला लोक संस्कृति उत्सव का भव्य उद्घाटन
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