हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के डिविजन बेंच ने दिया आदेश
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : हावड़ा के सलकिया के करुणामय होम से शिशु तस्करी और यौन शोषण के मामले में अभी तक क्या कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही भविष्य में इस तरह की दुर्भाग्यजनक घटना दोबारा कहीं न घटे इस बाबत अभी तक क्या एहतियाती कार्रवाई की गई है। इस मामले में दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवायी करते हुए हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस केशांग दोमा भूटिया के डिविजन बेंच ने यह सवाल किया।
डिविजन बेंच ने एडवोकेट जनरल एस एन मुखर्जी को 28 फरवरी तक इस बाबत रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। एडवोकेट रमाप्रसाद सरकार ने यह पीआईएल दायर की है। एडवोकेट जनरल ने कहा कि इस मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें हावड़ा नगरनिगम की पूर्व डिप्टी मेयर का पुत्र और पुत्रबधु भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं के साथ ही पोक्सो एक्ट के तहत भी मामला दायर किया गया है। इसके साथ ही सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान भी दर्ज कराया गया है और सीसीटीवी फुटेज फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं। इसके अलावा सात लड़कियों और दो लड़कों को अन्यत्र भेज दिया गया है। चीफ जस्टिस ने कहा कि एहतियात के तौर पर क्या उपाय किए जा रहे हैं इसका भी ब्योरा दें। एडवोकेट सरकार ने कहा कि पीआईएल के मुताबिक बीस बच्चियों की तस्करी राजस्थान के देउचा गांव में की गई थी। इसके साथ ही इस तस्करी को अंजाम देने के लिए निगम से फर्जी जन्म प्रमाणपत्र दिए जा रहे थे। उन्होंने इसकी सीबीआई जांच कराये जाने की मांग की है। इस शिशु तस्करी और यौन शोषण का खुलासा एक दंपत्ति द्वारा एक बच्चे को गोद लिए जाने के बाद हुआ। इसके बाद महिला थाने में मामला दर्ज कराया गया और गिरफ्तारियां की गईं।
सलकिया होम शिशु तस्करी मामले में कार्रवाई रिपोर्ट दें
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