कोलकाताः बुधवार की शाम को वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रॉयल के लिए कोलकाता नगर निगम के प्रशासक फिरहाद हकीम नाइसेड पहुंचे। उन्होंने पहला डोज लिया। अब 28 दिन बाद फि से उन्हें दुसरा डोज लेने के लिए नाइसेड आना होगा। उन्होंने कहा कि मैं पहला नागरिक हूं जिसने यह डोज लिया। मुझे खुशी है कि मैं इस प्रक्रिया का हिस्सा बना। डोज लेने के बाद 62 वर्षीय मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं कि मैं इस परीक्षण का हिस्सा बना हूं। डोज लेने के बाद में बिल्कुल ठीक हूं। मुझे फर्क नहीं पड़ता अगर इस परीक्षण के दौरान मेरी मौत भी हो जाती है।’’ हकीम ने कहा कि उन्हें खुशी होगी अगर उनके योगदान से टीके के अनुसंधान में मदद मिलती है। मंत्री को डोज देने से पहले उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया ताकि पता चल सके कि उन्हें कोई गंभीर बीमारी तो नहीं है। सूत्रों की मानें तो कोवैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण शुरू होने के साथ ही विप्लव यश को पहला डोज लगा। इसके साथ ही आधिकारिक तौर पर कोवैक्सीन का प्रायोगिक ट्रॉयल शुरू हुआ। इससे पहले राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने संस्थान में कोवैक्सिन टीके के तीसरे चरण के नियामकीय परीक्षण का उद्घाटन किया। उन्होंने कोविड-19 महामारी से ‘‘प्रभावी तरीके से निपटने’’ के लिए देश के नेतृत्व की सराहना की। धनखड़ ने कहा कि देश में विकसित किए जा रहे टीके के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए देश के 24 केंद्रों में नाइसेड को भी चुना गया है और भरोसा जताया कि सुगमता से यह प्रक्रिया पूरी होगी। उन्होंने कहा, ‘‘(महामारी से निटपने में) भारत ने सराहनीय काम किया है। इसका पूरा श्रेय देश के दूरद्रष्टा नेतृत्व को जाता है।’’ वहीं मौके पर नाइसेड की निदेशक डॉ.शांता दत्ता भी मौजूद थीं।
नाइसेड में एक हजार लोगों को लगेगा डोज
शांता दत्ता ने कहा कि नाइसेड में 1 हजार स्वयंसेवकों को डोज लगाया जाएगा। कोवैक्सीन के परीक्षण के पहले और दूसरे दौर में अच्छे परिणाम मिले हैं। ट्रायल का तीसरा चरण देश के 24 केंद्रों में आयोजित किया जा रहा है, इसमें नाइसेड भी एक है। कुल 25,800 लोगों को डोज लगाया जाएगा। यह भारत में सबसे बड़ा ट्रायल होने जा रहा है।
इस पर भी नजर
18-80 उम्र के लोग ही हो सकते हैं क्लिनिकल ट्रॉयल में वॉलंटियर
फिलहाल नाइसेड में 350 ने किया है वॉलंटियर
दिसंबर से जनवरी तक वॉलंटियर इनरोलमेंट का काम करना है पूरा
दूसरा डोज 28 दिन बाद
डोज लेने वालों पर एक साल तक रखी जाएगी निगरानी
कई प्रक्रिया से गुजरना होगा
प्रश्नोत्तर प्रक्रिया
को-मॉर्बिडिटी तो नहीं
फिजिकल टेस्ट
ब्लड टेस्ट
ये हैं क्लिनिकल ट्रॉयल टीम में शामिल
प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर (1)
को-इन्वेस्टिगेटर (2)
साइंटिस्ट अलग-अलग ग्रेड के
टेक्निशियन
हेल्थ वर्कर
डाटा मैनेजर
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