
पर हाई कोर्ट ने कहा : संयत भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी के खिलाफ सुओमोटो आपराधिक कंटेंप्ट का मामला दायर की जाने की याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसकी सुनवायी के बाद जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्या और जस्टिस अजय कुमार मुखर्जी ने इस याचिका को खारिज कर दिया। अलबत्ता इतना जरूर कहा कि संयत भाषा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
एडवोकेट कौस्तव बागची और एडवोकेट सुस्मिता साहा दत्त ने यह याचिका दायर की थी। सोमवार की सुबह इसे मेंशन किया गया तो डिविजन बेंच ने इसकी सुनवायी के लिए दोपहर दो बजे का समय तय कर दिया। इस याचिका में कहा गया है कि अभिषेक बनर्जी ने हल्दिया में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि हाई कोर्ट में एक-दो जज ऐसे हैं जो केंद्र के साथ साठगांठ कर के हर मामला सीबीआई को सौंप दे रहे हैं। एडवोकेट साहादत्त ने इस भाषण को पेन ड्राइव में रिकार्ड कर लिया था और डिविजन बेंच ने भरी अदालत में इसे सुना भी। इस दौरान जस्टिस भट्टाचार्या ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इस व्यक्ति ने सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए भी इस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है और आप (यानी पिटिशनर एडवोकेट) उसे प्रचारित कर रहे हैं। जस्टिस भट्टाचार्या ने कहा कि बहुत से लोग इस तरह की टिप्पणी करते हैं और सभी सुने तो कोर्ट में मामलों की भरमार लग जाएगी। इसके बाद ही एडवोकेट बागची ने कहा कि अभिषेक बनर्जी एक सांसद हैं और आम आदमी में सुमार नहीं किए जा सकते हैं। डिविजन बेंच ने कहा कि जिम्मेदार लोगों को जनभावना को प्रभावित कर सकते हैं उन्हें संयत भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए। डिविजन बेंच ने कहा कि क्रिमिनल कंटेंप्ट रूल्स के मुताबिक यह कंटेंप्ट का मामला नहीं बनता है इसलिए खारिज किया जाता है।