
कोलकाता : ब्रह्मलीन पंडित कोडाराम ओझा एक ऐसे ऋषितुल्य व्यक्तित्व थे जिन्होंने सादगी व निश्छलता की पराकाष्ठा के साथ सम्पूर्ण जीवन जिया। वे आडंबर व अहंकार के आवरण से सदैव दूर रहे। उन्हें किसी सांसारिक वस्तु ने कभी प्रभावित नहीं किया, उनसे निर्लिप्त रहे। उपरोक्त बातें कोडाराम ओझा की स्मरण सभा में वक्ताओं ने कही। राजस्थान ब्राह्मण संघ के सप्तऋषि सभागार में आहूत श्रद्धांजलि सभा में कोलकाता व आसपास के अंचलों से बड़ी संख्या में समाज के लोग जुटे। वृन्दावन से डॉ मनोज मोहन शास्त्री, रायपुर के विधायक पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा, मुंबई से विप्र फाउंडेशन के मुख्य समन्वयक श्रीकिशन जोशी दिल्ली से कुलदीप वशिष्ट, लूणकरणसर से हजारी महाराज, सूरत से मुरारीलाल शर्मा सहित दर्जनों प्रमुखजन इस मौके पर कोलकाता आये।
वक्ताओं ने कहा कि दिवंगत ओझा जी के सुपुत्र, यशस्वी कार्यकर्ता सुशील ओझा ने मृत्यु पर महाभोज नहीं कर आध्यात्मिक स्थल के जीर्णोद्धार का संकल्प लेकर प्रशंसनीय कार्य किया है।
आज की स्मरण सभा में वरिष्ठ केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, तृणमूल विधायक स्मिता बक्शी, पूर्व विधायक संजय बक्शी, प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष संतोष पाठक, बनवारीलाल सोती, महेश शर्मा, मालीराम शास्त्री, प्रकाश चण्डालिया, संजय हरलालका, विजय ओझा, मीना पुरोहित, सुनीता झंवर, महेश शर्मा, राजीव तिवारी, सपन बर्मन, पुरुषोत्तम मिमानी, ओमप्रकाश पांडेय, विनय दुबे, वीरेंद्र शर्मा, गंगाप्रसाद व्यास, भरतराम तिवारी, सतीश शर्मा, हरिकिशन राठी, राजेन्द्र खंडेलवाल, राजेन्द्र पाण्डे, श्रीलाल ओझा, तोलाराम तावनियाँ, प्रेमशंकर त्रिपाठी, दुर्गा व्यास, राजेश सिन्हा, उमेश राय, राधेश्याम पंचारिया, अशोक पारीक, नसीरूद्दीन अहमद, श्यामसुंदर व्यास, विष्णु शर्मा, राजकुमार व्यास, महेंद्र पुरोहित, दीपू शर्मा, मूलचंद उपाध्याय सहित चालीस से ज्यादा संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे। सभा के अंत में सभी ने पुष्पांजलि कर दिवंगत आत्मा की सदगति हेतु प्रार्थना की।