नदिया : अपमान क्या होता है अब धाकड़ नेता अणुव्रत को यह बात समझ में आयी होगी। उन्हें समझ में आया होगा कि किसी को भी अपमानित करने से उसे कैसा लगा होगा। गुरुवार को बीरभूम के बादशाह व तृणमूल के प्रभावशाली नेता की गिरफ्तारी और उनको चप्पल दिखाकर किये जा रहे नेता के अपमान के दृश्य को देख यही बाेल पड़े नदिया के तृणमूल कर्मी शैलेन घोष। उन्होंने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि उसदिन अपमानित होने के बाद बहुत तकलीफ हुई थी। वह दिन आज भी नहीं भूल पाता हूं। अब लोग उन्हें देखकर गाय चोर कह रहे हैं, अपमान और तिरस्कार ने उनके आंसू छलक रहे हैं, अब वे यह जरूर समझ गये होंगे कि किसी को अपमानित करने पर कैसा लगता है। बतातें चले कि 2019 में नदिया जिला के तृणमूल पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी अणुव्रत मंडल को मिली थी। उन्होंने कृष्णनगर में तब एक कर्मी सभा की थी जिसमें शैलेन भी मौजूद थे। चुनाव के परिणाम में 5 पंचायत में हार को लेकर शैलेन को जिम्मेदार ठहराया गया था। शैलेन का आरोप है कि तब अणुव्रत ने तल्ख स्वर में उसका अपमान किया था। साथ ही कहा था कि इस हार के बाद भी वे इस्त्री किया हुआ कपड़ा कैसे पहनकर खड़ा है। कहा जा रहा है, तृणमूल कर्मी का वक्तव्य कहीं ना कहीं यही साबित करता है कि अब जाकर उसके अपमान की ज्वाला शांत हुई है।
अणुव्रत ने किया था अपमान, कर्मी ने कहा-सबक मिला है उसे
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