
कुछ साल पहले की थी बात, हाल में तो बिल्कुल नहीं
कोलकाता : नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमर्त्य सेन के विश्व भारती के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती को फोन करने और अपना परिचय ‘भारत रत्न’ के रूप में कराने को लेकर हुए विवाद के बीच प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने हाल के समय में कुलपति के साथ किसी भी तरह की बातचीत होने से इनकार किया है। केंद्रीय विश्वविद्यालय के एक शिक्षक संघ ने यह जानकारी दी। विश्व भारती संकाय संघ के अध्यक्ष सुदीप्त भट्टाचार्य को भेजे एक मेल में नोबेल पुरस्कार विजेता ने कहा कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने दावा किया है कि उन्होंने फोन कॉल की थी जो पूरी तरह से असत्य है और उन्होंने कुछ साल पहले चक्रवर्ती से बात की थी, जून 2019 में नहीं, जैसा कि कहा जा रहा है। विश्वभारती के अधिकारियों ने हाल के एक बयान में दावा किया था कि सेन ने कुलपति को 2019 में दो या 14 जून को भारत में एक नंबर से कॉल की थी और उन्होंने उनके शांति निकेतन निवास के निकट से फेरीवालों को हटाने को लेकर शिकायत की थी। इसके बाद शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने सेन को एक मेल भेजकर विश्वविद्यालय के बयान के बारे में उनकी प्रतिक्रिया मांगी थी और उन्हें पिछले साल 29 दिसम्बर को जवाब मिला।